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Maharashtra: शिवसेना के उद्धव गुट को मिला नया नाम और निशान, मशाल चुनाव चिह्न आवंटित

निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न जारी कर दिया है। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न के रूप में मशाल का निशान आवंटित किया है। मूल शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष बाण है जिस पर दोनों गुट दावा कर रहे हैं।

By Devshanker ChovdharyEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 09:30 PM (IST)
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निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को 'मशाल' चुनाव चिह्न किया आवंटित।

मुंबई, एजेंसी। निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न जारी कर दिया है। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न के रूप में मशाल का निशान एवं 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम आवंटित किया है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को भी नाम आवंटित कर दिया है। शिंदे गुट को 'बालासाहेबची शिवसेना' आवंटित किया गया है।

शिवसेना नेता ने जताई खुशी

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के करीबी भास्कर जाधव ने कहा, 'हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं - उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे, इन सभी को नए नाम में रखा गया है।' भास्कर जाधव ने कहा कि इस बड़ी जीत पर हम खुश हैं।

शिंदे गुट को 'बालासाहेबची शिवसेना' मिला नाम

बता दें कि निर्वाचन आयोग ने धार्मिक मामलों का हवाला देते हुए त्रिशूल और गदा को चुनाव चिह्न के रूप में अस्वीकार कर दिया। साथ ही आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'बालासाहेबची शिवसेना' आवंटित किया है। आयोग ने शिंदे गुट को एक नया चिह्न चुनने के लिए कहा है।

शिंदे गुट को चुनाव चिह्न के लिए मिला नोटिस

निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को नोटिस जारी कर मंगलवार को सुबह 10 बजे तक नया विकल्प मुहैया कराने के लिए कहा है। फिलहाल आयोग ने जिस तरह से दोनों ही गुटों की ओर से त्रिशूल और गदा जैसे चुनाव चिह्न की मांग को धार्मिक जुड़ाव के आधार पर खारिज किया है, वह सभी राजनीतिक दलों को भी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है। शिवसेना के शिंदे गुट ने फिलहाल पार्टी के दो नाम का विकल्प दिया था, पहला शिवसेना बालासाहेब ठाकरे और दूसरा बालासाहेबची शिवसेना है। इनमें पहला नाम उद्धव गुट की ओर से दिए गए विकल्पों से मिलता-जुलता होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया।

आयोग ने सील किया था मूल चुनाव चिह्न

इससे पहले चुनाव आयोग ने शनिवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया था। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को उपलब्ध चिह्नो में से चुनने और सोमवार दोपहर 1 बजे तक अपने अंतरिम चिह्न के लिए तीन विकल्प देने के लिए कहा था।

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