पांच राज्यों में बजा चुनावी बिगुल, यूपी में सात, मणिपुर में दो, पंजाब उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान, 10 मार्च को मतगणना
Assembly Election Dates 2022 निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड पंजाब गोवा में एक चरण में जबकि मणिपुर में दो और उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदात होगा।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 09 Jan 2022 06:32 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी हैं, लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। घोषणा के साथ ही चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है। 15 जनवरी को आयोग फिर से तय करेगा कि चुनाव प्रचार का तौर तरीका क्या होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और सात मार्च को आखिरी यानी सातवें चरण में वोट पड़ेंगे। सभी राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आएंगे।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सात, मणिपुर में दो और पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान होगा। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को पांचों राज्यों में मतगणना होगी।
10 फरवरी को यूपी से शुरुआत मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान के साथ ही विधानसभा चुनावों की शुरुआत होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की वोटिंग होगी। इसी दिन पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को तीसरे और 23 फरवरी को चौथे चरण के मतदान होंगे। 27 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के तहत वोट डाले जाएंगे। इसी दिन मणिपुर के पहले चरण का मतदान होगा। तीन मार्च को उत्तर प्रदेश में छठे चरण और मणिपुर के दूसरे चरण के मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश के 7वें और अंतिम चरण के मतदान सात मार्च को होगा।
चुनाव को टाला नहीं जा सकताकुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने संकेत दिए थे कि चुनाव समय से होंगे और सभी दल यही चाहते हैं। शनिवार को घोषणा करते हुए उन्होंने कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने को चुनौतीपूर्ण तो माना, लेकिन कहा कि संविधान के तहत इन राज्यों के चुनाव को टाला नहीं जा सकता है। ऐसे में कड़ी कोरोना गाइडलाइन और सतर्कता के बीच इन चुनावों को कराने का फैसला लिया गया है।
इनके पास घर बैठे पोस्टल बैलेट से मतदान का विकल्पकोरोना संकटकाल में चुनाव कराने से जुडे़ एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावों के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। यही वजह है कि 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के मतदाताओं, विकलांग व कोरोना से पीडि़त मतदाताओं को घर बैठे ही पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान का विकल्प दिया गया है। इसके साथ ही चुनाव के समय में एक घंटे की बढ़ोतरी की गई है। लोगों शारीरिक दूरी की ध्यान रखते हुए मतदान कर सकेंगे।
आगे स्थितियों को देखते हुए होंगे फैसले इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी कोरोना प्रोटोकाल का भी कड़ाई से सभी मतदान केंद्रों पर पालन किया जाएगा। लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए सभी राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। साथ ही कोरोना के संक्रमण पर विशेषज्ञों के साथ संपर्क में है। चंद्रा ने कहा कि आगे की स्थितियों को देखते हुए जो भी कड़े निर्णय लेने होंगे वे लिए जाएंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा उस साल चार जनवरी को की गई थी।
वर्चुअल और डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचारचुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से 15 जनवरी तक वर्चुअल और डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार करने को कहा है। 15 जनवरी के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और तात्कालिक स्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। घर-घर प्रचार के दौरान प्रत्याशी सहित सिर्फ पांच व्यक्तियों को ही शामिल होने की इजाजत होगी। सुरक्षाकर्मी इससे अलग होंगे।
चुनाव प्रचार से जुडे आयोग के अन्य दिशा-निर्देश
- स्टार प्रचारकों की संख्या घटेगी। राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल अब 40 की जगह सिर्फ 30 लोगों को ही स्टार प्रचारक बना सकेंगे, जबकि गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी 20 की जगह 15 लोगों को ही स्टार प्रचारक बना सकेंगे।
- कोई विजय जुलूस नहीं निकलेगा। विजयी प्रत्याशी सिर्फ दो लोगों के साथ ही प्रमाण पत्र लेने के लिए आएंगे।
- यदि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन का उल्लघंन करता है, उसे आगे किसी और रैली या सभा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- मतदान केंद्रों पर चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
- बूथ पर शारीरिक दूरी को ध्यान में रखा जाएगा। इसके लिए वालंटियर तैनात किए जाएंगे।
- बूथ के अंदर जो भी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे सभी वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले होंगे।
- बूथ के अंदर एजेंट आदि को जाने की अनुमति नहीं होगी।
- बूथ पर थर्मल स्की¨नग होगी और सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से रखना होगा।
- सभी चुनावकर्मियों के लिए दस्ताने अनिवार्य होंगे।
- मतदान केंद्रों में जाने और आने का अलग-अलग रास्ता होगा।
चुनावी राज्यों में टीकाकरण दर संतोषजनक मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव की घोषणा से पहले किन-किन चीजों को ध्यान में रखा गया है, खासकर चुनावी राज्यों में संक्रमण दर क्या है। इसके साथ ही चुनावी राज्यों की वैक्सीनेशन दर को ध्यान में रखा गया है। राज्यों से इसे तेज करने के लिए भी कहा गया था। यही वजह है कि चुनावी राज्यों में मौजूदा समय में वैक्सीनेशन की दर संतोषजनक है।साढ़े आठ करोड़ महिला मतदाता, 24.9 लाख फर्स्ट टाइम वोटर#WATCH Live: Election Commission of India announces Assembly polls schedule for Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh https://t.co/c9oDf6AdJd
— ANI (@ANI) January 8, 2022
- कुल 18 करोड़ 34 लाख मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे।
- मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को बताया कि इनमें साढ़े आठ करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं।
- पांच राज्यों में 24 लाख 90 हजार से अधिक नये मतदाता बने हैं।
- हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग बूथ महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा। कुल 690 सीटें हैं, लेकिन ऐसे 1,620 पोलिंग बूथ चिह्नित किए गए हैं।
- 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक पोस्टल बैलट का प्रयोग कर सकेंगे।