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Thackrey vs Shinde: शिवसेना पर वर्चस्व की लड़ाई में EC का फैसला; फ्रीज हुआ पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न

Election Commission bars Shiv Sena and its symbol चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम शिवसेना और उसके धनुष और तीर चुनाव चिह्न को अगले आदेश तक इस्‍तेमाल करने पर रोक लगा दी है।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sun, 09 Oct 2022 12:02 AM (IST)
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निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के चुनाव निशान 'धनुष और तीर' को फ‍िलहाल फ्रीज करने का फैसला लिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। चुनाव आयोग ने शनिवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।मूल शिवसेना का चुनाव चिह्न लंबे समय से धनुष बाण है जिस पर दोनों गुट दावा कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने यह अंतरिम आदेश शिंदे गुट के अनुरोध पर शनिवार को दिया, जिसमें अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव नजदीक आने के साथ ही उसे चुनाव चिह्न आवंटित करने की मांग की गई थी।

अंतरिम आदेश में कही यह बात

निर्वाचन आयोग शनिवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि महाराष्‍ट्र में होने जा रहे उपचुनावों में दोनों धड़े नए नाम और आवंटित चुनाव चिह्न का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि अंधेरी पूर्व उपचुनाव में दोनों गुटों में से किसी को भी पार्टी का नाम 'शिवसेना' और उसके चुनाव चिह्न 'धनुष और तीर' का इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। दोनों गुटों को मौजूदा उप-चुनावों में उसकी ओर से अधिसूचित प्रतीकों की सूची में से ऐसे सिम्‍बल्‍स का आवंटन भी किया जाएगा जिसे वे चुन सकते हैं।  

तीन तीन नामों के विकल्प मांगा

आयोग ने एक अंतरिम आदेश में संगठन पर नियंत्रण के लिए दावा कर रहे दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों से अपने-अपने गुट के लिए सोमवार यानी 10 अक्टूबर तक तीन तीन नामों के विकल्प और साथ ही नए चुनाव चिह्न का सुझाव देने के लिए कहा। आयोग प्रस्तुत विकल्पों में से दोनों गुटों को नाम और चिह्न आवंटित कर सकता है।

आयोग का निर्णय हमारे साथ अन्याय: दानवे

इस बीच मुंबई से मिली खबर के अनुसार ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के आदेश को 'अन्याय' करार दिया जिसमें शिवसेना के के प्रतिद्वंद्वी धड़ों को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया है। ठाकरे समूह के प्रति निष्ठा रखने वाले महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि चुनाव निकाय को उपचुनाव के लिए अंतरिम निर्णय पारित करने के बजाय समग्र तरीके से निर्णय लेना चाहिए था।

लंबी खिंचती नजर आ रही दोनों गुटों के बीच लड़ाई

निर्वाचन आयोग (Election Commission) के इस फैसले से साफ है कि शिवसेना पर काबिज होने को लेकर शिंदे और उद्धव गुट के बीच लड़ाई लंबी खिंचती नजर आ रही है। महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट ने महाराष्‍ट्र के अंधेरी पूर्व विधानसभा के होने वाले उपचुनाव में उसको तीर-धनुष चुनाव चिह्न आवंटित करने की मांग की थी। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को इस मामले में उद्धव गुट को नोटिस जारी कर आज (आठ अक्टूबर) को दो बजे तक अपना पक्ष रखने को कहा था।

लोक जनशक्ति पार्टी के मामले में सुना चुका है ऐसा फैसला

उल्‍लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में खाली हुई अंधेरी पूर्व विधानसभा के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इस विधानसभा सीट के लिए सात अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगी। तीन नवंबर को इस विधानसभा सीट के लिए चुनाव होने हैं। दोनों ही गुट इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। सनद रहे लोक जनशक्ति पार्टी के भीतर भी ऐसा ही विवाद सामने आया था जिसको लेकर निर्वाचन आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया था। बाद में दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किया था।

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