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Electoral Reforms: चुनाव सुधार के लिए तेज हुए निर्वाचन आयोग के कदम; सूची से हटाए गए 111 और दल, जानें वजह

निर्वाचन आयोग ने चुनाव सुधार की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। चुनाव आयोग ने सूची से 111 और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को हटा दिया है। नकद राशि के चंदे को लेकर भी आयोग सख्ती की तैयारी कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 03:19 AM (IST)
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चुनाव आयोग ने देश के और 111 गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपनी सूची से हटा दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव सुधारों को लेकर तेजी से जुटे चुनाव आयोग ने देश के और 111 गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपनी सूची से हटा दिया है। साथ ही इनके चुनाव चिन्ह और मिलने वाली सभी तरह की सुविधाएं भी छीन ली हैं। आयोग इससे पहले भी 87 गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई कर चुका है। इसके अलावा अभी ऐसे और भी दल आयोग के निशाने पर हैं।

सख्‍त फैसला ले सकता है आयोग 

माना जा रहा है आयोग जल्द ही इनके खिलाफ भी सख्त फैसले ले सकता है। चुनाव आयोग ने गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़े कदमों के संकेत पिछले दिनों ही दे दिए थे। इसमें 21 सौ से ज्यादा दलों को नियमों का पालन नहीं करने का आरोपित पाया गया था। आयोग ने इन सभी दलों को नोटिस जारी कर अनियमितताओं पर जवाब-सवाल किया था।

नहीं दिया चंदे का हिसाब 

हालांकि इनमें से करीब दो सौ ऐसे पंजीकृत दल थे, जिनकी नोटिस उस पते पर ऐसे किसी दल के मौजूद न होने से वापस आ गई। इसके बाद आयोग ने टीम भेजकर इसका सत्यापन भी कराया। इसमें उस पते पर इनकी मौजूदगी नहीं मिली। इसी तरह से इनमें से करीब 66 गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों ने राजनीतिक दलों को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट का लाभ तो लिया था, लेकिन चंदे का कोई हिसाब नहीं दिया।

इसलिए की कार्रवाई 

इनमें से तीन ऐसे दल भी थे, जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल पाए गए है। यह कार्रवाई वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 की रिपोर्ट के आधार पर की है। इसमें बड़ी संख्या में आयोग को चंदे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी है। अकेले वर्ष 2019-20 में ऐसे दलों की संख्या 23 सौ से अधिक है। चुनाव आयोग बाकी दलों की गहन पड़ताल में जुटी है।

आयोग छोटे चंदों पर भी रखेगा नजर

चुनाव सुधार की इस मुहिम में चुनाव आयोग ने अब जल्द ही राजनीतिक दलों को मिलने वाले छोटे-छोटे चंदे पर भी नजर रखने की रणनीति तैयार करने में जुटा है। साथ ही इसे लेकर कानून मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा है। इसमें राजनीतिक दलों को ऐसे सभी चंदे का ब्योरा भी देना होगा, जो भले ही 20 हजार से कम होगा, लेकिन एक ही व्यक्ति की ओर से साल में कई बार दिए गए चंदे की कुल राशि यदि 20 हजार से ज्यादा होगी, तो उसका हिसाब देना होगा।

बच जाते थे राजनीतिक दल

आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक राजनीतिक दल अभी इसी में खेलकर रहे थे। इसमें वह 20-20 हजार से कम की राशि में कई किस्तों में लेकर ब्योरा देने से बच जाते है। आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्रालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। जैसे ही इसकी मंजूरी मिल जाएगी, इसे लागू कर दिया जाएगा।

चुनाव सुधारों पर काम कर रहा आयोग

आयोग इसके अलावा भी चुनाव सुधारों से जुड़े कई और कदमों पर भी तेजी से काम कर रहा है। इनमें एक व्यक्ति से एक सीट से ही चुनाव लड़ने की व्यवस्था करने, यदि कोई दो जगहों से लड़ेगा और एक सीट छोड़ेगा, तो चुनाव का पूरा खर्च उससे लिए जाने आदि का प्रस्ताव शामिल है।