NCP पर अधिकारों को लेकर चुनाव आयोग जल्द ले सकता है फैसला, छह अक्टूबर को दोनों ही गुटों को बुलाया
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी पर अधिकारों को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच चल रहा विवाद अब और लंबा नहीं खिंचेगा। चुनाव आयोग ने विधि विशेषज्ञों के साथ लंबे मंथन के बाद इस विवाद को पूरी निपटाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों की मानें तो आयोग ने हाल में इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए विधि विशेषज्ञों के साथ ही कई दौर की बैठक भी की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) पर अधिकारों को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच चल रहा विवाद अब और लंबा नहीं खिंचेगा। चुनाव आयोग (Election Commission) ने विधि विशेषज्ञों के साथ लंबे मंथन के बाद इस विवाद को पूरी निपटाने की तैयारी कर ली है। हालांकि, इससे पहले आयोग ने दोनों पक्षों को व्यक्तिगत रूप से आयोग के सामने अपनी राय करने के लिए छह अक्टूबर को बुलाया है।
माना जा रहा है कि इसके बाद आयोग कभी भी इसे लेकर फैसला ले सकता है। ज्यादा संभव है कि उसी दिन इस पर निर्णय हो जाए। चुनाव आयोग वैसे भी पांच राज्यों की चुनावी व्यस्तताओं के पहले ऐसे सभी विवादों को निपटाने की तैयारी में जुटा हुआ है। यह इसलिए भी है, क्योंकि इन चुनावों के तुरंत बाद आयोग आम चुनावों की तैयारियों में कूद जाएगा। ऐसे में उसके पास ऐसे विवादों से निपटने के लिए समय नहीं है। इसके साथ ही आम चुनावों के दौरान पार्टी को लेकर कोई नया विवाद खड़ा हो इससे पहले आयोग पूरे मामले का निराकरण करना चाहता है।
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आयोग ने कई दौर की बैठक की
सूत्रों की मानें तो आयोग ने हाल में इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए विधि विशेषज्ञों के साथ ही कई दौर की बैठक भी की है। इसके बाद ही दोनों पक्षों को व्यक्तिगत उपस्थिति होने और अपनी राय रखने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि एनसीपी पर अधिकारों को लेकर यह लड़ाई तब शुरू हुई, जब अजित पवार ने खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर समर्थक विधायकों के साथ शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार में शामिल हो गए थे। साथ ही चुनाव आयोग के सामने याचिका दाखिल कर पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक दिया। इसके बाद शरद पवार गुट ने भी आयोग को ई-मेल भेजकर पार्टी पर अपना दावा जताया था।
नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद विवाद और बढ़ा
आयोग ने यह तेजी तब दिखाई है जब एनसीपी अजित पवार गुट ने पिछले दिनों नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर इस पूरे विवाद और बढ़ा दिया है। जिसमें अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के साथ ही सात राष्ट्रीय महामंत्री व पांच राष्ट्रीय सचिव के नामों का भी ऐलान किया है।
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एनसीपी अजित गुट ने इसकी जानकारी आयोग को भी दी है। इससे पूर्व में वह कई राज्यों के पदाधिकारियों को हटाने व अपनी पसंद के पदाधिकारियों की नियुक्ति करने भी इस विवाद को बढ़ा चुके है।