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Election 2024: पंजाब, तमिलनाडु में BJP तो एमपी और दिल्ली में कांग्रेस का नहीं खुला खाता, देखिए उन राज्यों की लिस्ट जहां दोनों रहे जीरो

Lok Sabha Election Result 2024 भाजपा इस बार नौ राज्यों में खाता खोलने से चूक गई। जबकि माहौल के बावजूद कांग्रेस 12 राज्यों में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई। भाजपा को दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में कोई सीट नहीं मिली। इसी तरह केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भाजपा गठबंधन की सरकार होते हुए भी वहां की एकमात्र सीट एक बार फिर कांग्रेस ने हासिल कर ली।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 06 Jun 2024 08:44 AM (IST)
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Lok Sabha Election Result 2024 भाजपा और कांग्रेस को इन राज्यों में झटका।

जेएनएन, नई दिल्ली। Lok Sabha Election Result 2024 लगातार विस्तार कर रही भाजपा इस बार नौ राज्यों में खाता खोलने से चूक गई। जबकि, माहौल के बावजूद कांग्रेस 12 राज्यों में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई। भाजपा को दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में कोई सीट नहीं मिली।

पंजाब और पुडुचेरी में भी हाल बुरा

इसी तरह केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भाजपा गठबंधन की सरकार होते हुए भी वहां की एकमात्र सीट एक बार फिर कांग्रेस ने हासिल कर ली। पंजाब में भी चुनाव नतीजे भाजपा के लिए अच्छे नहीं रहे, जहां पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। मेघालय, मणिपुर, नगालैंड और सिक्कम में भी भाजपा का खाता शून्य ही रहा। जबकि, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की एकमात्र सीट भी भाजपा ने एक दशक बाद खो दी।

कांग्रेस को 12 राज्यों में एक भी सीट नहीं

दूसरी ओर कांग्रेस का शून्य का खाता हालांकि 12 राज्यों में ही है, लेकिन यह ज्यादा बड़ा है क्योंकि ये वे राज्य हैं जहां कांग्रेस या तो सत्ता में है या फिर रह चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रही थी। लेकिन लोकसभा में खाता शून्य पर चला गया। आंध्र प्रदेश कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, लेकिन लगातार दूसरी बार पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई।

दिल्ली में भी कांग्रेस को झटका

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बावजूद एक भी सीट नहीं मिली। हिमाचल प्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार है लेकिन दोबारा हाथ खाली रह गए। उत्तराखंड व त्रिपुरा में भी दूसरे चुनाव में पार्टी शून्य की स्थिति बदल नहीं पाई। सिक्किम में भी शून्य ही रहा।

सिक्किम विधानसभा चुनाव भी साथ ही हुआ था और नतीजा तीन जून को आया था। विधानसभा में कांग्रेस के 12 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। भाजपा की हालत कांग्रेस से थोड़ी अच्छी थी लेकिन कुल 31 उम्मीदवारों को सम्मिलित रूप से जितने वोट मिले थे उससे ज्यादा वोट मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को मिले थे।

गुजरात में भाजपा के 13 प्रत्याशी तीन लाख से जीते

गुजरात में भाजपा के 13 उम्मीदवारों ने तीन लाख मतों के अंतर से चुनाव जीता। जबकि गांधीनगर और नवसारी में भाजपा प्रत्याशियों ने सात-सात लाख मतों के अंतर से चुनाव जीता। भाजपा ने नवसारी सीट पर सात लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता। गांधीनगर में अमित शाह दूसरी बार मैदान में थे जबकि नवसारी सीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल चौथी बार चुनाव लड़ रहे थे।

पाटिल ने गुजरात में सबसे अधिक रिकार्ड सात लाख 73 हजार मतों से जीत दर्ज की। इसके बाद गांधीनगर में अमित शाह ने सात लाख 44 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीता। भाजपा ने सभी सीटें पांच लाख से अधिक मतों से जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन गांधीनगर व नवसारी के अलावा वडोदरा व पंचमहाल सीट पांच लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत सके।

दो में चार लाख से जीत

वडोदरा में भाजपा के हेमांग जोशी व पंचमहल से राजपाल सिंह जादव मैदान में थे। राजकोट से परशोत्तम रुपाला तथा पोरबंदर से मनसुख मांडविया मैदान में थे। दोनों ने क्रमश : चार लाख 84 हजार तथा तीन लाख 80 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीता। भाजपा ने अहमदाबाद पूर्व, अमरेली, भावनगर, छोटा उदेपुर, दाहोद, राजकोट, खेडा, मेहसाणा, पोरबंदर सीट भी तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीती।

भाजपा के भरत सिंह डाभी सबसे कम 31876 मतों से ही चुनाव जीत सके। आणंद व भरूच सीट भी भाजपा एक लाख से कम अंतर से ही जीत सकी। भरूच सीट पर वरिष्ठ सांसद मनसुख वसावा सातवीं बार मैदान में थे। उधर, आणंद पर सांसद मीतेश पटेल नाराजगी के बावजूद जीतने में सफल रहे।