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सुलझ नहीं रही कांग्रेस की गुत्थी, आलाकमान से मिलने के बाद भी नहीं बदले पायलट के सुर; बोले- देखिये कल क्या...

राजस्थान कांग्रेस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ पार्टी दावा कर रही है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सबकुछ ठीक है लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम के बयान से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 31 May 2023 07:21 PM (IST)
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अशोक गहलोत और सचिन पायलट (फोटो: पीटीआई)
जयपुर, एजेंसी। राजस्थान की कांग्रेस इकाई में अंतर्कलह समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही है। हाल ही में कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मुलाकात की थी, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही, क्योंकि सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक बार फिर से आवाज बुलंद की।

गहलोत सरकार से क्या चाहते हैं पायलट?

एक तरफ पार्टी दावा कर रही है कि दोनों नेताओं के बीच सुलह हो गई है, लेकिन वास्तविकता इससे काफी अलग दिखाई दे रही है। कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को दिए गए 15 दिनों के अल्टीमेटम को लेकर कहा कि सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

सचिन पायलट ने टोंक में कहा,

भ्रष्टाचार और नौजवानों के भविष्य को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दो दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मेरी बातचीत हुई थी। मेरी मांगों के बारे में पार्टी को जानकारी है। 15 तारीख को जयपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए मैंने कहा था कि वसुंधरा जी के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के जो मामले उठे थे, जो गहलोत साहब और मैंने खुद उठाया था, उस पर प्रभावी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, 

राजस्थान लोक सेवा आयोग के काफी पद खाली पड़े हैं और मेरा मानना है कि कुछ नियक्तियों को बेहतर किया जा सकता है। इसलिए उसमें मूलचूक परिवर्तन लाना चाहिए और हमारे लाखों लाख बच्चे जो बहुत मुश्किल से शहर में जाकर किराये पर मकान लेते हैं, मेहनत करते हैं और उनके साथ धोखा हो जाता है। ऐसे में उन लोगों की हमें आर्थिक मदद करना चाहिए। मैंने यह मुद्दा उठाया था। मेरा मानना है कि सरकार इन मुद्दों पर कार्रवाई करेगी।

सचिन पायलट ने आगे कहा कि भाजपा शासन के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कार्रवाई करनी पड़ेगी, जबकि नौजवानों के मुद्दों पर किसी भी प्रकार का समझौता करना मुमकिन नहीं है। 15 मई को इस मामले को मैंने उठाया था, परसो दिल्ली में मेरी बात हुई थी। राज्य सरकार का दायित्व है कि वो कार्रवाई करे। देखिये, कल क्या होता है।

इसी बीच सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व सक्षम नहीं है... पिछले साढ़े 4 साल में भाजपा ने सदन में और सदन के बाहर ये प्रमाण नहीं दिया कि वो मजबूत विपक्ष है। उनके पास विधायकों की संख्या ठीक है फिर भी वो सभी मुद्दों पर विफल रहे हैं। जनता भाजपा से उम्मीद खो चुकी है।