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त्रिपुरा में BJP को 60 फीसदी वोटर ने नहीं दिया वोट, किसने की मदद?, पूर्व सीएम माणिक सरकार बरसे

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भाजपा विपक्ष के निशाने पर है। बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के नेता और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने बीजेपी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि 60 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 05 Mar 2023 08:19 AM (IST)
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त्रिपुरा में BJP को 60 फीसदी वोटर ने नहीं दिया वोट, किसने की मदद?, पूर्व सीएम माणिक सरकार बरसे
अगरतला (त्रिपुरा), एजेंसी। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भाजपा विपक्ष के निशाने पर है। बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के नेता और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने बीजेपी पर तीखा हमला किया है।

माणिक सरकार ने 4 मार्च को कहा कि 60 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया। भाजपा विरोधी वोट विभाजित हो गया है। यह बहुत स्पष्ट है। मुझे किसी पार्टी का नाम लेना पसंद नहीं।

'ये चुनाव परिणाम अप्रत्याशित है'

त्रिपुरा के पूर्व सीएम ने कहा कि ये चुनाव परिणाम अप्रत्याशित है क्योंकि सरकार का प्रदर्शन शून्य था, लोकतंत्र पर हमला हुआ और मतदाताओं के मताधिकार का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने का अधिकार छीन लिया गया। इस चुनाव को एक मजाक में बदल दिया गया और संविधान ने काम नहीं किया। त्रिपुरा में कांग्रेस-वाम गठबंधन के विफल होने पर उन्होंने कहा कि यह गठबंधन नहीं बल्कि सीट समायोजन था। कांग्रेस और वाम गठबंधन को कई और सीटें मिलेंगी।

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में क्या कर रही हैं?

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में क्या कर रही हैं? टीएमसी वहां लोकतंत्र को नष्ट कर रही है। भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। टीएमसी नेताओं द्वारा किए गए कामों को कौन नहीं जानता? बीजेपी के पास नहीं होगा।' अगर टीएमसी का वोट नहीं होता तो दो से तीन सीटों पर जीत जाती। बीजेपी की मदद के लिए टीएमसी आई।'

भाजपा ने जीतीं 32 सीटें

गौरतलब है कि हाल ही में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की है। चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी ने लगभग 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 32 सीटें जीतीं। टिपरा मोथा पार्टी 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को 11 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं। इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीतकर अपना खाता खोलने में कामयाबी हासिल की।