Watch Exclusive Interview: पहले जम्मू-कश्मीर में शांति खरीदी जाती थी, हमने स्थापित की: मनोज सिन्हा
जब अनुच्छेद 370 हटाया गया था तो कुछ परेशान लोग यह अफवाह फैला रहे थे कि प्रदेश में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं होगा। लेकिन हाल में जब राष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा कार्यक्रम हुआ जम्मू-कश्मीर ने उदाहरण पेश किया। संस्कृति मंत्रालय ने जो रेटिंग की उसमें जम्मू -कश्मीर अव्वल था।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 12:34 AM (IST)
कभी आतंक के साये में जीने वाले जम्मू-कश्मीर में यूं तो अभी भी छिटपुट हिंसा जारी है लेकिन प्रशासन कृतसंकल्प है कि केवल गोली चलाने वाले ही नहीं, गोली चलवाने वाला हर शख्स भी शिकंजे में होगा। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का मानना है कि सुरक्षा स्थिति में आए बदलाव का कारण केंद्र और राज्य प्रशासन का बदला हुआ नजरिया है। पहले शांति खरीदने की कोशिश होती थी जबकि अब शांति स्थापित करने का प्रयास हुआ है। सुरक्षित माहौल में जनता के लिए विकास का हर रास्ता प्रशस्त हुआ है।
दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा और जागरण डिजिटल के संपादक कमलेश रघुवंशी से बातचीत में मनोज सिन्हा कहते हैं- कुछ लोग राजनीतिक कारणों से विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता का समर्थन प्रशासन के साथ है। हमने पहले भी चुनाव करवाए हैं और आगे के चुनाव के लिए भी तैयार हैं। पेश है बातचीत का एक अंश
सवाल- फिलहाल जम्मू-कश्मीर से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव कब होंगे। क्या राज्य प्रशासन से चुनाव की हरी झंडी है?
चुनाव नहीं होने की तो कोई आशंका ही नहीं है। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के अंदर आश्वासन दिया था कि पहले डिलिमिटेशन, फिर चुनाव और उपयुक्त समय पर स्टेटहुड। सब कुछ जस का तस है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी तरह तैयार है। हम तो पहले ही जिला परिषद का चुनाव करवा चुके हैं और इतनी सफलता के साथ कि एक बूंद खून नहीं गिरा। विधानसभा चुनाव भी अच्छी तरह होगा। कब होगा यह चुनाव आयोग तय करेगा। लेकिन मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि लोग व्यवस्था पर जो सवाल खड़े कर रहे हैं वो ठीक नहीं है। डिलिमेटेशन कमीशन में तो राज्य के पांच- पांच सदस्य थे। आयोग ने कहा है कि नवंबर के अंत तक मतदाता सूची का नवीनीकरण किया जाए। वह हो रहा है।
सवाल- नए मतदाताओं को लेकर भी आपत्ति की जा रही है। कहा जा रहा है कि बाहरी वोटर लाए जा रहे हैं?
राजनीतिक कारणों से कौन क्या कह रहा है मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन क्या यह सच नहीं है कि आप जहां रहते हैं वहां वोट कर सकते हैं। हर किसी को अधिकार है। यह संवैधानिक व्यवस्था है। जम्मू -कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा और वह सारी सुविधाएं मिलनी शुरू हुईं जो देश के दूसरे हिस्से में थीं। यह भी उसी का हिस्सा है। फिर विवाद क्यूं।