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मानसून सत्र में विपक्षी एकता की पहली परीक्षा, मणिपुर हिंसा पर घमासान की आशंका; 31 विधेयक पेश करेगी सरकार

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस माकपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा को प्राथमिकता पर रखा। इसके साथ ही दिल्ली अध्यादेश को लेकर भी एकजुट विपक्ष हमलावर दिखेगा और सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 20 Jul 2023 12:35 AM (IST)
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विपक्ष ने कहा-मणिपुर पर चर्चा से कोई समझौता नहीं, सरकार ने कहा-चर्चा को तैयार।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मणिपुर में जारी हिंसा और दिल्ली अध्यादेश पर घमासान की आशंका के बीच संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। एकजुटता बैठक के बाद होने जा रहे मानसून सत्र में विपक्षी दल और राजग के तीखे तेवर देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने का एलान कर अपना तेवर पहले ही स्पष्ट कर दिया है।

वहीं सरकार की ओर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। बेंगलुरू में इंडिया गठबंधन का स्वरूप देने वाले विपक्ष की एकजुटता की भी मानसून सत्र में पहली परीक्षा होगी। मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने के एलान से साफ है कि इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो सकती है।

दिल्ली अध्यादेश को लेकर भी विपक्ष हो सकता है हमलावर

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा को प्राथमिकता पर रखा। इसके साथ ही दिल्ली अध्यादेश को लेकर भी एकजुट विपक्ष हमलावर दिखेगा और सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। आम आदमी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए इस अध्यादेश को लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता चुके हैं। वैसे एकजुट विपक्ष के लिए भी इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक को दोनों सदनों से पास होने से रोकना मुश्किल होगा।

सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में प्रल्हाद जोशी ने बताया कि 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में सरकार की ओर से 31 विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल के अलावा फिल्म पाइरेसी को रोकने के कानून का ड्राफ्ट भी शामिल है। संवैधानिक प्रविधानों के अनुसार सरकार के लिए दिल्ली अध्यादेश से संबंधित विधेयक को इसी सत्र में पास कराना जरूरी होगा। इसके साथ ही आयु आधारित वर्ग में फिल्म सर्टिफिकेशन देने, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना, निजी डाटा संरक्षण, वन संरक्षण कानून में संशोधन से संबंधित बिल भी पेश किए जाएंगे।

जन विश्वास संशोधन विधेयक पास कराने की कोशिश करेगी सरकार

सरकार मानसून सत्र के दौरान सहकारिता क्षेत्र से संबंधित जन विश्वास संशोधन विधेयक और मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज बिल पास कराने की भी कोशिश करेगी। सर्वदलीय बैठक में बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और बीआरएस ने महिला आरक्षण का विधेयक पास कराने की मांग की। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के प्रविधान का विधेयक राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लोकसभा में यह लंबित है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन के नेताओं की बैठक में सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए सबका सहयोग मांगा। वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने साफ कहा कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के दोनों सदनों में बयान की उनकी मांग है।

साथ ही महंगाई, राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण के साथ संघीय ढांचे पर हमला, अदाणी विवाद पर जेपीसी के गठन की मांग, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तीन साल से अधिक समय से चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध जैसे कई अहम मुद्दों पर बहस कराने की विपक्ष दलों ने अपनी मांग रख दी है।