CM की कुर्सी गंवाने के बाद फिर बोले एचडी कुमारस्वामी, राजनीति में बने रहने का कोई शौक नहीं
कर्नाटक में सरकार गिरने के बाद पूर्व CM कुमारस्वामी ने राजनीति छोड़ने के संकेत दिए थे। अब उन्होंने फिर कहा कि मुझे राजनीति में बने रहने का कोई शौक नहीं है।
By Ayushi TyagiEdited By: Updated: Tue, 06 Aug 2019 08:50 AM (IST)
नई दिल्ली,एजेंसी। कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिरने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राजनीति छोड़ने का सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं घृणित हूं, व्यक्तिगत रूप से मुझे राजनीति में बने रहने का कोई शौक नहीं है, लेकिन मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कारण, मैं निरंतर काम कर रहा हूं। अब निरंतर काम कर रहा हूं। अब राजनीति जातिगत, बाहुबली और धन शक्ति से चल रही है। आजकल राजनीतिक गतिविधियों में कोई निष्पक्षता नहीं है। अच्छे लोगों के लिए, यह बहुत मुश्किल है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं जब विधायक बिना अपॉइंटमेंट लेकर आते थे, तो मैं उनसे मिलता था। जब भी उनके पास अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए अनुरोध आया, मैंने तुरंत उन पर निर्णय लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार जो हासिल नहीं कर पाई मैंने 14 महीनों पर कर दिया।
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार थी। जोकि अब गिर गई है। फिलहाल राज्य में भाजपा सरकार है। हाल ही में एचडी कुमारास्वामी ने राज्य में भाजपा सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने मांड्या में जेडीएस के कार्यकर्ताओं से कहा 'चुनाव के लिए तैयार रहें। बहुत जल्द राज्य में चुनाव होगा। चुनाव 17 सीटों (अयोग्य विधायकों के सीटों) पर हो सकता है। ये भी संभव है कि चुनाव पूरे 224 सीटों पर हो। मुझे यकीन है कि यह कर्नाटक सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई गठबंधन नहीं होगा। हमें अब किसी भी गठबंधन की जरूरत नहीं है। मुझे शक्ति की आवश्यकता नहीं है, मुझे आपके प्यार की आवश्यकता है।' इससे पहले उन्होंने कहा था की वे राजनीति से अलग होने के बारे में सोच रहे हैं। कुमारस्वामी ने जुलाई में विश्वास मत साबित नहीं करने के बाद 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के साथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से तत्कालीन अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने 17 बागी विधायकों को (14 कांग्रेस और तीन जेडीएस) अयोग्य ठहराया था। इसके बाद विधायकों को अपने संबंधित दलों से निष्कासित कर दिया गया था। उनके इस्तीफे के बाद येदियुरप्पा ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।