'अविश्वास प्रस्ताव से पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं', लोकसभा में बोले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने खुलकर पीएम मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर की घटना को लेकर पीएम पर निशाना साधा। गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम ने मौन व्रत लिया हुआ है। मोदी की चुप्पी को तोड़ने के लिए ही हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। लोकसभा में राहुल गांधी भी मौजूद हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस बहस की शुरुआत की। बहस के दौरान कांग्रेस ने मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी पर सीधा हमला बोला। गौरव गोगोई ने लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री पर कई सवाल भी दागे।
न्याय चाहता है मणिपुर
गौरव गोगोई ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं। यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है। I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है। मणिपुर न्याय चाहता है।
#WATCH | Congress MP Gaurav Gogoi says, "PM took a 'maun vrat' to not speak in the Parliament. So, we had to bring the No Confidence Motion to break his silence. We have three questions for him - 1) Why did he not visit Manipur to date? 2) Why did it take almost 80 days to… pic.twitter.com/J6a4hBKu3Q— ANI (@ANI) August 8, 2023
मणिपुर पर पीएम मोदी का मौन व्रत
गौरव गोगोई ने आगे कहा कि मोदी मौन व्रत पर हैं। वह संसद में नहीं बोलना चाहते हैं। उनकी चुप्पी को तोड़ने के लिए हम अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम को बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है।
पीएम मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? आखिरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ 30 सेकंड के लिए? अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
गोगोई ने आगे कहा कि पीएम को ये स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल रही है। सरकार की विफलता के कारण मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई, लगभग 5 हजार घर जला दिए गए। लगभग 60 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं। 6500 एफआईआर दर्ज की गई हैं।