Gujarat Election 2022: सिसोदिया का भाजपा पर आरोप, हार के डर से कंचन जरीवाला का हुआ अपहरण
Gujarat Election 2022 मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गुजरात में भाजपा इस चुनाव में बुरी तरह हार रही है। इस हार से बौखला गई है। सूरत ईस्ट से कंचन जरीवाला को हार के डर से भाजपा के गुंडे ने अपहरण कर लिया है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Wed, 16 Nov 2022 02:47 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गुजरात में भाजपा इस चुनाव में बुरी तरह हार रही है। इस हार से बौखला गई है। सूरत ईस्ट से कंचन जरीवाला को हार के डर से भाजपा के गुंडे ने अपहरण कर लिया है। कल से वो और उनका परिवार गायब है। वो स्क्रूटनिंग कराने गए थे। भाजपा के गुंडा ने नामांकन रद करने के लिए दबाव डाला और जैसे वो चुनाव आयोग से बाहर निकले तब से उनका कोई अता-पता नहीं है।
चुनाव आयोग पर भी उठ रहे हैं सवाल- मनीष सिसोदिया
उन्होंने कहा कि पहले से जरीवाला पर दबाव डाला जा रहा था कि वो चुनाव ना लड़ें। जब नहीं माने तो उन्हें किडनैप कर लिया गया। हमारे देश का चुनाव आयोग निष्पक्षता के लिए जाना जाता है, लेकिन इस घटना के बाद चुनाव आयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं। ये आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार का अपहरण नहीं हुआ है, पूरे लोकतंत्र का अपहरण किया गया है।
कंचन जरीवाला ने अपना नामांकन वापस लिया
आम आदमी पार्टी के सूरत ईस्ट के उम्मीदवार कंचन जरीवाला मिले गए हैं और उन्होंने सीधे आरओ कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर कंचन जरीवाला के अपहरण का आरोप लगाया था। वहीं उनके मिलने पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी-अभी 500 पुलिस वाले उनको घेर कर आरओ के दफ्तर लेकर आए हैं। उनसे जबरदस्ती अपना नामांकन वापस करवाया जा रहा है। उनको आरओ के दफ्तर में बैठा दिया गया है और पुलिस प्रोटेक्शन में दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपना नामांकन वापस ले ले। मैं चुनाव आयोग से कहना चाहता हूं यह सरेआम दिनदहाड़े लोकतंत्र की लूट हो रही है।AAP कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के बाहर किया प्रदर्शन
वहीं मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव आयोग के बाहर गुजरात मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर आरोप लगाया, 'गुंडों और पुलिस के दम पर उम्मीदवारों को अगवा करके उनका नामांकन वापिस करवाया जा रहा है। इस किस्म की सरेआम गुंडागर्दी भारत में कभी नहीं देखी गई। फिर चुनाव का क्या मतलब रह गया? फिर तो जनतंत्र खत्म है।