Gujarat Riots: गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को मिले थे 30 लाख रुपये, SIT रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
Gujarat Riots गुजरात दंगा मामले को लेकर SIT नए-नए खुलासे कर रही है। इस बीच SIT ने गुजरात दंगा मामले में तीस्ता सीतलवाड़ के भूमिका को लेकर बड़ा खुलासा किया है। SIT के अनुसार तीस्ता सीतलवाड़ को नरेन्द्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए 30 लाख रुपये मिले थे।
By Mohd FaisalEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 12:20 PM (IST)
अहमदाबाद, एजेंसी। गुजरात दंगा मामले (Gujarat Riots) की जांच कर रही SIT ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर बड़ा खुलासा किया है। SIT की रिपोर्ट के अनुसार, तीस्ता सीतलवाड़ ने तत्कालीन गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश रची थी। उन्होंने इसके लिए सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से 30 लाख रुपये स्वीकार किए थे। इस साजिश में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट भी शामिल थे।
साजिश के तहत 30 लाख रुपये मिलेदरअसल, इस मामले में गुजरात एटीएस की टीम ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया था। SIT के एसीपी बीसी सोलंकी के विशेष लोक अभियोजक मितेश अमीन और अमित पटेल ने शुक्रवार को सत्र अदालत में तीस्ता, श्रीकुमार द्वारा सत्र न्यायालय में दायर जमानत याचिका के खिलाफ एक हलफनामा दायर किया। जिसमें कहा गया था कि आरोपी ने कांग्रेस से अवैध धन और अन्य लाभ प्राप्त करने के इरादे से एक बड़ी साजिश रची। SIT के हलफनामे में कहा गया है कि आरोपियों की पटेल के साथ कई बैठकें हुईं। जहां उन्हें पहली बार 5 लाख रुपये और दो दिनों के बाद 25 लाख रुपये मिले।
क्या है मामला
- बता दें कि एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए थे।
- एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी थी।
- 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में 58 तीर्थयात्रियों को जिंदा जलाने के बाद राज्य में दंगे भड़क उठे थे।
- राज्य भर में भड़के दंगे में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
बता दें कि अहमदाबाद की एक मेट्रोपालिटन अदालत ने 2 जुलाई को सीतलवाड़ और श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।