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कांग्रेस और आप में कोई झुकने को तैयार नहीं, पर कोशिशें लगातार जारी; हरियाणा में कहां फंसा है गठबंधन पर पेच?

हरियाणा में विधानसभा चुनाव मुहाने पर है लेकिन अब तक कांग्रेस और आप में गठबंधन को लेकर स्थिति फाइनल नहीं हो पाई। उल्टा कांग्रेस की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बात और बिगड़ गई। हालांकि अभी भी दोनों पार्टियों ने कोशिशें छोड़ी नहीं हैं। जानिए दोनों के गठबंधन में पेंच कहां पर फंसा है और क्या मुश्किलें आ रही हैं।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 07 Sep 2024 11:00 PM (IST)
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सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच लगातार चल रही हैं बैठकें। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा में सीटों को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जिस तरीके से अड़ी हुई है, उससे दोनों दलों के बीच गठबंधन अब मुश्किल दिखाई दे रहा है। हालांकि, दोनों पार्टियों ने शनिवार को सीटों पर तालमेल बनाने को लेकर फिर बैठक की है, लेकिन वह भी बेनतीजा रही।

ऐसे में अब गठबंधन तभी हो सकता है, जब दोनों पार्टियों में से कोई भी एक झुकने को तैयार होगी। फिलहाल दोनों पार्टियां अपनी-अपनी शर्तों पर अड़ी हुई हैं। आप ने हरियाणा विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ने के लिए कांग्रेस के सामने कम से कम सात सीटें देने की शर्त रखी है, वह भी अपनी पसंद की। दूसरी तरफ कांग्रेस उसे चार सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। वह भी आप की पसंद की नहीं होगी।

गठबंधन से किसी ने नहीं किया इन्कार 

कांग्रेस ही तय करेगी कि कितनी और कौन सी सीट उसे देनी है। फिलहाल सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं। दोनों दलों में से अब तक किसी ने भी गठबंधन से इन्कार नहीं किया है। गठबंधन न होने की स्थिति में दोनों दल अलग-अलग लड़ने के संकेत दे रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद गठबंधन को लेकर दोनों दलों के बीच तल्खी और बढ़ गई है, क्योंकि कांग्रेस ने आप की पसंद वाली कई सीटों से अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।

राहुल गांधी ने दिए थे निर्देश

बावजूद इसके दोनों दलों के बीच शनिवार को हिमाचल भवन में फिर चर्चा हुई। इसमें दोनों तरफ के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस ने फिर साफ किया कि वह गठबंधन के तहत सिर्फ पांच सीटें ही दे सकती है। इनमें एक-एक सीट माकपा व सपा को, जबकि तीन सीट आप को दे सकती है। सपा के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में वह सीट भी कांग्रेस को दी जा सकती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक बातचीत अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन पार्टी इससे ज्यादा सीटें नहीं देगी। गौरतलब है कि हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा तब शुरू हुई थी, जब राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी संभावना टटोलने का निर्देश दिया था।