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Haryana Election: क्या दूर होगी सैलजा की नाराजगी? कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा को सौंपा जिम्मा; कहीं भारी न पड़ जाए गुटबाजी

Haryana Election हरियाणा में कांग्रेस के अलग-अलग गुटों के बीच अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है और इसका प्रभाव विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। ऐसे में हाईकमान ने तत्काल इसे संभालने की पहल करते हुए भूपेंद्र हुड्डा को कुमारी सैलजा को मनाने का जिम्मा सौंपा है। नजरें इस पर भी टिकी हैं कि क्या सैलजा अंबाला में होने वाली खरगे की रैली में शामिल होंगी या नहीं।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 22 Sep 2024 07:14 PM (IST)
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पार्टी ने हुडडा को संदेश दिया है कि अन्य नेताओं को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी उनकी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव अभियान के चरम पर पहुंचने के बीच पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा से अंदरूनी खींचतान के चलते नाराजगी सामने आने के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में तत्काल दखल देकर मामले को संभालने की पहल शुरू कर दी है।

पार्टी हाईकमान ने चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे हुडडा को स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी उनकी है और सैलजा सरीखे नेताओं की चुनाव में अनदेखी नहीं की जा सकती। साथ ही पार्टी नेतृत्व ने अपने स्तर पर भी सैलजा की शिकायतें दूर करने की कोशिशें शुरू कर दी है।

खरगे की रैली पर टिकी निगाहें

इन कोशिशों के बाद अब नजरें कांग्रेस सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अंबाला में होने वाली रैली में पर है, जिसमें सैलजा के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। अंबाला, सिरसा की लोकसभा सांसद सैलजा का गृह नगर है और यदि इस समय कांग्रेस अध्यक्ष की रैली में शामिल नहीं हुई तो चुनाव में इसका नकारात्मक संदेश जाएगा।

अंबाला के अलावा खरगे की सोमवार को घरौंदा में दूसरी रैली है। इसलिए पार्टी के चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के नाते यह हुड्डा की जिम्मेदारी है कि सभी नेताओं की क्षमता का इस्तेमाल किया जाए। हाईकमान के साथ हुई बैठकों में हुड्डा ने इस आशय की प्रतिबद्धता भी जताई थी और जब चुनाव अभियान अब दो हफ्ते रह गया है तो खींचतान की ऐसी खबरें पार्टी के हित में नहीं है।

भूपेंद्र हुड्डा को समझाने का प्रयास

सूत्र ने बताया कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के प्रभारी कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया ने सैलजा के साथ ही वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की शिकायतों को लेकर भूपेंद्र हुड्डा से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया है। दीपेंद्र हुड्डा को भी इसी तरह का संदेश दिया गया है।

वैसे हुड्डा समर्थकों का दावा है कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन हुडा-दीपेंद्र की चुनावी रणनीति का पूरा समर्थन कर रहे हैं। नाराजगी की चर्चाओं के बीच सैलजा रविवार दोपहर में दिल्ली में ही मौजूद थीं और हरियाणा से आने वाले अपने समर्थकों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुन रहीं थी।

टिकट बंटवारे में हुड्डा का वर्चस्व

कांग्रेस अध्यक्ष की अंबाला रैली में सैलजा के शामिल होने के संबंध में उनके समर्थकों ने बताया कि सिरसा सांसद को रविवार दोपहर तक तो इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि दिल्ली पहुंचे समर्थकों ने उनके रैली में शामिल होने का विकल्प खुला होने का संकेत दिया। सैलजा की नाराजगी तो टिकट बंटवारे के समय से ही रही है, क्योंकि उम्मीदवारी तय करने में हुड्डा का वर्चस्व रहा।

काफी मशक्कत के बाद करीब दर्जन भर सैलजा समर्थकों को टिकट मिल पाया और अब चुनाव अभियान का पूरा तंत्र भूपेंद्र हुड्डा तथा दीपेंद्र हुड्डा के नियंत्रण में है। जाहिर तौर पर हरियाणा में पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई में हुड्डा के अकेले कांग्रेस के सियासी रथ को हांकने का दांव सैलजा को स्वीकार्य नहीं है और इसलिए वे प्रचार अभियान से दूरी बना रही हैं।