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Election Result: हरियाणा की जीत का महाराष्ट्र तक असर, उद्धव ठाकरे के बदल गए सुर

Uddhav Thackeray on Haryana Election Result चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में भाजपा को बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा 20 सीटें जीत चुकी है और 30 पर आगे है। इस चुनावी नतीजों का असर महाराष्ट्र की राजनीति तक दिख रहा है। चुनावी नतीजे देख शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray on Haryana Election Result) के सुर बदल गए हैं।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 08 Oct 2024 04:07 PM (IST)
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Uddhav Thackeray on Haryana Election Result उद्धव के बदले सुर।

एजेंसी, मुंबई। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत होती दिख रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा  को बहुमत मिलता दिख रहा है। इस चुनावी नतीजों का असर महाराष्ट्र की राजनीति तक दिख रहा है। चुनावी नतीजे देख शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray on Haryana Election Result) के सुर बदल गए हैं।

कांग्रेस और शरद पवार की बात मानेंगे उद्धव

दरअसल, उद्धव ने आज कहा कि वह महाराष्ट्र को 'बचाने' के लिए सहयोगी कांग्रेस या एनसीपी ((शरद पवार) द्वारा घोषित किसी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विज्ञापनों के माध्यम से राज्य में फर्जी बयानबाजी करने का भी आरोप लगाया।

लाडकी बहन योजना पर कटाक्ष

महायुति सरकार द्वारा लाडकी बहन योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपये देने पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने दावा किया कि सरकार लोगों को अपना पैसा (योजना के माध्यम से) देकर "महाराष्ट्र धर्म" से विश्वासघात करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रही है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव अगले महीने होने की संभावना है।

अगस्त में दिया था ये बयान

अगस्त में ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया था कि एमवीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला पहले किया जाए, बजाय इसके कि इस तर्क पर ध्यान दिया जाए कि कौन सबसे ज्यादा सीटें जीतता है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कांग्रेस और एनसीपी ((शरद पवार) द्वारा घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने तब कहा था कि ठाकरे ने दिल की उदारता दिखाई है (एमवीए द्वारा सीएम पद के लिए अयोग्य ठहराए गए किसी भी व्यक्ति को समर्थन देकर)। यह दबाव की राजनीति नहीं थी। राउत ने कहा था कि इस रुख से महाराष्ट्र को फायदा होगा।