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Heeraben Modi Death: पीएम मोदी ने बताया था, सार्वजनिक कार्यक्रमों में मां उनके साथ क्यों नहीं दिखती थीं

Heeraben Modi Death प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां का आज यानी शुक्रवार तड़के निधन हो गया। उनके 100वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने बताया था कि उनकी मां सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके साथ क्यों नहीं दिखाई देती हैं...

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 30 Dec 2022 03:26 PM (IST)
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Heeraben Modi death: पीएम मोदी अपनी मां हीराबेन मोदी के साथ
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मां हीराबेन मोदी (Heeraben Modi) का शुक्रवार को निधन हो गया। उनके जन्मदिन 18 जून 2022 को पीएम मोदी ने एक भावुक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी मां अब अपने जीवन के शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गई हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि इस साल उनके पिता ने शताब्दी वर्ष पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान यह भी बताया कि उनकी मां उनके साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर क्यों नहीं आती हैं।

पीएम मोदी के साथ दो बार मंच पर नजर आईं थी मां

पीएम मोदी के साथ उनकी मां केवल दो मौके पर मंच पर मौजूद रहीं। उन्होंने अपने ब्लॉग में खुद बताया था, ''आपने भी देखा होगा, मेरी मां कभी किसी सरकारी या सार्वजनिक कार्यक्रम में मेरे साथ नहीं जाती हैं। अब तक दो बार ही ऐसा हुआ है, जब वो किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मेरे साथ आई हैं। एक बार मैं जब एकता यात्रा के बाद श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर लौटा था, तो अमदाबाद में हुए नागरिक सम्मान कार्यक्रम में मां ने मंच पर आकर मेरा टीका किया था।''

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प्रधानमंत्री ने कहा, ''मां के लिए वो बहुत भावुक पल इसलिए भी था, क्योंकि एकता यात्रा के दौरान फगवाड़ा में एक हमला हुआ था, उसमें कुछ लोग मारे भी गए थे। उस समय मां मुझे लेकर बहुत चिंता में थीं। तब मेरे पास दो लोगों का फोन आया था। एक अक्षरधाम मंदिर के श्रद्धेय प्रमुख स्वामी जी का और दूसरा फोन मेरी मां का था। मां को मेरा हाल जानकर कुछ तसल्ली हुई थी।''

पीएम मोदी ने आगे बताया, ''दूसरी बार वो सार्वजनिक तौर पर मेरे साथ तब आईं थी, जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 20 साल पहले का वो शपथग्रहण ही आखिरी समारोह है, जब मां सार्वजनिक रूप से मेरे साथ कहीं उपस्थित रहीं हैं। इसके बाद वो कभी किसी कार्यक्रम में मेरे साथ नहीं आईं।''

मां ने जब कहा था- मैं तो निमित्त मात्र हूं

प्रधानमंत्री ने आगे बताया, ''मुझे एक और वाकया याद आ रहा है। जब मैं सीएम बना था तो मेरे मन में इच्छा थी कि अपने सभी शिक्षकों का सार्वजनिक रूप से सम्मान करूं। मेरे मन में ये भी था कि मां तो मेरी सबसे बड़ी शिक्षक रही हैं, उनका भी सम्मान होना चाहिए। हमारे शास्त्रों में कहा भी गया है, माता से बड़ा कोई गुरु नहीं है- ‘नास्ति मातृ समो गुरुः’। इसलिए मैंने मां से भी कहा था कि आप भी मंच पर आइएगा, लेकिन उन्होंने कहा कि 'देख भाई, मैं तो निमित्त मात्र हूं। तुम्हारा मेरी कोख से जन्म लेना लिखा हुआ था। तुम्हें मैंने नहीं भगवान ने गढ़ा है।' ये कहकर मां उस कार्यक्रम में नहीं आई थीं।

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''मां खुद नहीं आईं, लेकिन शिक्षक को बुलाने के लिए जरूर कहा''

पीएम मोदी ने बताया,  ''मेरे सभी शिक्षक आए थे, लेकिन मां उस कार्यक्रम से दूर ही रहीं, लेकिन मुझे याद है, उन्होंने उस समारोह से पहले मुझसे ये जरूर पूछा था कि हमारे कस्बे में जो शिक्षक जेठाभाई जोशी जी थे क्या उनके परिवार से कोई उस कार्यक्रम में आएगा? बचपन में मेरी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई, मुझे अक्षरज्ञान गुरुजी जेठाभाई जोशी जी ने कराया था। मां को उनका ध्यान था, ये भी पता था कि अब जोशी जी हमारे बीच नहीं हैं। वो खुद नहीं आईं, लेकिन जेठाभाई जोशी जी के परिवार को जरूर बुलाने को कहा।''

''मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, वो मां और पिताजी की ही देन है''

पीएम मोदी अपनी मां को बहुत प्यार करते थे। उन्होंने मां के जन्मदिन पर एक भावुक ब्लॉग पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा, ''आज मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, मेरे व्यक्तित्व में जो कुछ भी अच्छा है, वो मां और पिताजी की ही देन है। आज जब मैं यहां दिल्ली में बैठा हूं तो कितना कुछ पुराना याद आ रहा है।

''मां एक व्यक्तित्व नहीं है, मां एक स्वरूप है''

उन्होंने आगे कहा था, ''मां की तपस्या, उसकी संतान को सही इंसान बनाती है। मां की ममता उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है। मां एक व्यक्ति नहीं है, एक व्यक्तित्व नहीं है, मां एक स्वरूप है। हमारे यहां कहते हैं, जैसा भक्त वैसा भगवान। वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार, हम मां के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं।''

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