Himachal Election 2022 हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने एक बार फिर से सत्ता में वापसी की है। मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर चर्चाओं और बैठकों का दौर जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता सुखविंद सिंह सुक्खू ने कहा कि हाईकमान जिसे चाहेगा सीएम वही बनेगा।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 09 Dec 2022 03:43 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। Himachal Election 2022: कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी आलाकमान द्वारा चुने गए विधायक हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। हिमाचल प्रदेश में पार्टी राज्य मुख्यालय, राजीव भवन में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए शिमला जाते हुए एसएस सुक्खू ने कहा, 'जिसे भी आलाकमान चाहेगा, वह सीएम होगा।'
'विधायकों में से ही कोई बनेगा मुख्यमंत्री'
सुक्खू ने कहा, 'हर पत्रकार ने मुझसे पहले उस व्यक्ति के बारे में पूछा, जिसके नेतृत्व में हम (कांग्रेस) चुनाव लड़ेंगे। मैंने कहा कि यह सामूहिक नेतृत्व में होगा, विचारधारा सर्वोच्च है और पद बाद में आता है। हमारे पास एक मुख्यमंत्री होगा और हाईकमान उन लोगों में से किसी एक को बनाएगा, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था।'
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वीरभद्र सिंह को नजर अंदाज नहीं कर सकती पार्टी
इस बीच, हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह को राज्य के सीएम के रूप में चुने जाने की इच्छा की ओर इशारा करते हुए देखा गया, क्योंकि उन्होंने कहा कि पार्टी उस व्यक्ति (उनके पति- वीरभद्र सिंह) को नजरअंदाज नहीं कर सकती है, जिसके नाम पर इसने चुनाव लड़ा और जीता।
'हमारे परिवार की उपेक्षा नहीं कर सकते'
प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने कहा, 'वे उनके (वीरभद्र सिंह) परिवार की उपेक्षा नहीं कर सकते। हम उनके नाम, चेहरे और काम के दम पर जीते। ऐसा नहीं हो सकता कि आप उनके नाम, चेहरे और परिवार का इस्तेमाल करें और फिर सारा श्रेय किसी और को दे दें। हाईकमान ऐसा नहीं करेगा।'
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'पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी'
हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पार्टी के हिमाचल पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया कि किसी की उपेक्षा का सवाल ही नहीं है और पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी। सीएम बघेल ने बैठक के लिए शिमला पहुंचने के बाद कहा, 'किसी की उपेक्षा करने का कोई सवाल ही नहीं है। आगे बढ़ने के लिए सभी को साथ लिया जाएगा। सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। कोई समस्या नहीं है।'
शिमला में होगी बैठक
राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला, विक्रमादित्य सिंह (विधायक) और पर्यवेक्षक भूपेंद्र हुड्डा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह और अन्य नेताओं के साथ शिमला के एक होटल में बैठक कर राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करने वाले हैं।
'देवताओं के आशीर्वाद से मिला बहुमत'
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा, 'देवताओं के आशीर्वाद से, हमें देवभूमि में बहुमत मिला। हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। हमने निर्वाचित विधायकों को बुलाया है और उनके साथ एक अनौपचारिक बैठक के साथ, हम पार्टी हाईकमान को सूचित करेंगे। हाईकमान फैसला करेगा।'
कई नामों पर की जा रही चर्चा
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, 'कई नामों पर चर्चा की जा रही है। सभी समीकरण देखे जा रहे हैं। हमें इसे नवनिर्वाचित विधायकों के फैसले पर छोड़ देना चाहिए। यह उनका विशेषाधिकार है। लोगों ने अपना फैसला लिया। अब यह विधायकों को तय करना है कि वे अपने नेता के रूप में किसे चाहते हैं।' इस बारे में हाईकमान को अवगत करा दिया जाएगा और फिर वे इस पर अपना निर्णय लेंगे।'
भाजपा से मामूली रूप से आगे रही कांग्रेस
हिमाचल में वोट शेयर के मामले में, कांग्रेस भाजपा से मामूली रूप से आगे रही। उसे अपने प्रतिद्वंद्वी के 42.99 प्रतिशत की तुलना में 43.88 प्रतिशत वोट मिले। अन्य लोगों को पहाड़ी राज्य में 10.4 फीसदी वोट मिले। हिमाचल प्रदेश में बारी-बारी से सरकारों की लंबी परंपरा रही है।
कांग्रेस ने जीती 40 सीटें
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जहां 40 सीटें जीतीं, वहीं बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की। निर्दलीयों ने तीन सीटें जीतीं और आम आदमी पार्टी राज्य में अपना खाता खोलने में विफल रही।
'पार्टी का हुआ पुनरुद्धार'
सुखविंदर सिंह सुक्कू ने आगे रेखांकित किया कि गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जीत ने 'पार्टी के पुनरुद्धार' को दिखाया। उन्होंने यह कहकर भी उपहास उड़ाया कि जो लोग देश को कांग्रेस मुक्त करने की कोशिश कर रहे थे, वे स्वयं मुक्त हो रहे हैं।
हिमाचल में शिक्षित लोगों की संख्या सबसे अधिक
सुक्कू ने कहा, 'किसी भी विचारधारा को इतनी जल्दी समाप्त नहीं किया जा सकता है। हिमाचल में शिक्षित लोगों की संख्या सबसे अधिक है और उन्होंने कांग्रेस को चुनकर दिखाया है कि हिमाचल से पार्टी के पुनरुद्धार की शुरुआत हुई है। देश की एकता और अखंडता के लिए कांग्रेस का मुख्य विपक्षी दल और सत्ताधारी दल के रूप में मौजूद रहना बहुत जरूरी है।
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