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'जेएमएम को तोड़ना हमारा उद्देश्य नहीं', हिमंत बिस्वा सरमा ने पूछा- चंपई सोरेन की जासूसी क्यों कराई गई?

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर निशाना साधा और पूछा कि किसके कहने पर चंपई सोरेन की जासूसी करवाई जा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चंपई सोरेन के सीएम बनते ही जासूसी करवाई जाने लगी थी। सरमा ने कहा कि जेएमएम से हमें कोई दिक्कत नहीं है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 30 Aug 2024 08:30 PM (IST)
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा। (फाइल फोटो)
एएनआई, नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चंपई सोरेन की जासूसी मामले में झारखंड की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि यह जासूसी किसके कहने पर हो रही थी ? सरमा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) एक पारिवारिक पार्टी बन गई है। इसे तोड़ना हमारा उद्देश्य नहीं है।

हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि झारखंड में भाजपा की सरकार बने। जेएमएम पार्टी जैसी है, वैसी ही बनी रहे। हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। हमारा काम झारखंड को आगे ले जाना और भाजपा की सरकार लाना है। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन के पीछे जासूस क्यों लगाए गए।

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सीएम बनने के बाद से हो रही जासूसी: सरमा

जब से चंपई सोरेन ने सीएम के रूप अपना काम शुरू किया और उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी तो उनके खिलाफ जासूसी शुरू की गई। दोनों सब-इंस्पेक्टरों ने दिल्ली पुलिस को यह बयान दिया। सरमा ने आईजी प्रभात कुमार पर जासूस कराने का आरोप लगाया है।

अब जुमे के दिन दो घंटे विधानसभा में ब्रेक नहीं

जुमे के दिन दो घंटे के ब्रेक को खत्म करने पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1937 में मुस्लिम लीग का असम में शासन था। उस समय सर सैयद सादुल्ला सीएम थे। उन्होंने यह नियम बनाया था कि हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे की छुट्टी जी जाएगी। आज हमारे विधायकों ने फैसला किया कि हम काम करने विधानसभा आते हैं। इसलिए हम शुक्रवार को भी नॉन स्टाप विधानसभा में हिस्सा लेंगे। दो घंटे की छुट्टी नहीं चाहिए।

यह सभी का निर्णय है

सरमा ने कहा कि अगर किसी को नमाज पढ़ना है तो वह करेगा। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मगर दो घंटे की छुट्टी अब आगे से नहीं होगी। हमारी विधानसभा नियम समिति में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य भी हैं। सब लोगों ने मिलकर निर्णय लिया है। यह मेरा निर्णय नहीं है। यह विधानसभा का निर्णय है।

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