'मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा, अगर PM कांग्रेस के खिलाफ आरोपों को साबित कर दें', महाराष्ट्र में बोले कर्नाटक सीएम
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने रविवार को बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मगर प्रधानमंत्री मोदी को कर्नाटक कांग्रेस पर लगाए अपने आरोपों को सच साबित करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र में झूठे विज्ञापन प्रकाशित किए हैं। इनके खिलाफ हमारी सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी। सिद्दरमैया ने रविवार को महाराष्ट्र के सोलापुर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया।
एएनआई, सोलापुर। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने रविवार को महाराष्ट्र के सोलापुर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती दी और कहा कि अगर उनके आरोप सच साबित होते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार ने राज्य के लोगों को 'लूटा' और महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार में पैसे का इस्तेमाल किया।
आरोप सरासर झूठ हैं: सिद्दरमैया
सिद्दरमैया ने कहा कि यह आरोप सरासर झूठ हैं। सिद्दरमैया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आते हैं, सरासर झूठ बोलते हैं और चले जाते हैं। अगर वह अपने आरोपों को साबित कर देते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दूंगा। मोदी मेरी चुनौती क्यों नहीं स्वीकार करते? उन्हें किस बात का डर है?"
भाजपा के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला
कर्नाटक सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं और मंत्रियों को कर्नाटक का दौरा करना चाहिए। अगर वे मुझे गलत साबित कर देते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। अगर मैं सही हूं तो क्या वे महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगेंगे और राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करेंगे? हमने अपनी सरकार के खिलाफ सरासर झूठे विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए महाराष्ट्र भाजपा के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया है।किसानों का एक रुपया भी माफ नहीं किया
सिद्दरमैया ने आगे कहा, "पीएम मोदी दावा करते हैं कि गारंटी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगी। मगर भाजपा ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चुनाव में इसी तरह की गारंटी की घोषणा की है। प्रधानमंत्री इस तरह के झूठ का सहारा क्यों लेते हैं? मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं। केंद्र ने अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। मगर किसानों का एक रुपया भी माफ नहीं किया।"