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महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों के बाद संसद सत्र में बदलेगी सियासी फिजा, 'अपनों' के निशाने में आ सकती कांग्रेस

Maharashtra Election Result 2024 सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र में महाराष्ट्र में मिली भाजपा गठबंधन की प्रचंड जीत का असर दिखेगा। कांग्रेस के सामने विपक्षी गठबंधन में सामंजस्य बनाए रखने की चुनौती होगी। अभी तक बैकफुट पर रही भाजपा का रुख संसद में आक्रामक रहेगा। वक्फ विधेयक समेत अपने एजेंडे पर भाजपा अपनी पूरी ताकत लगाएगी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 23 Nov 2024 10:14 PM (IST)
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Maharashtra Election Result 2024: शीतकालीन सत्र में दिखेगा चुनाव नतीजों का असर।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के नतीजे आंकड़ों की कसौटी पर भले केंद्र में सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के लिए एक-एक की बराबरी के हों मगर देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में महायुति को मिले तीन चौथाई बहुमत ने राष्ट्रीय राजनीति के तराजू को एक बार फिर भाजपा-एनडीए की तरफ झुका दिया है।

इसकी पहली झलक सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीत सत्र में दिखाई देगी जहां अदाणी समूह पर अमेरिकी अदालत में लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर मोदी सरकार को घेरने की आक्रामक तैयारी कर रही कांग्रेस को अब विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन को एकजुट बनाए रखने की चुनौती से जूझना पड़ेगा।

वक्फ विधेयक पर भाजपा लगाएगी जोर

वहीं महाराष्ट्र के नतीजों से मिली बड़े मनोवैज्ञानिक बढ़त के दम पर भाजपा-एनडीए विपक्ष एकजुट होकर न केवल विपक्ष के हमलों का मुकाबला करेगा बल्कि संसद में अपने सियासी एजेंडे़ को अमलीजामा पहनाने की पहल तेज करेगा। राजनीति विवाद में घिरे वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक की रिपोर्ट शीत सत्र में ही सदन में पेश करने से लेकर इसे पारित कराने के लिए भाजपा शायद ही कोई कसर छोड़ेगी।

महाराष्ट्र ने दिया पलटवार का मौका

लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस-आईएनडीआईए गठबंधन की साझी ताकत के दम पर मोदी सरकार को तमाम मुद्दों पर बैकफुट पर पर रखने में कामयाब रहे विपक्ष की पकड़ हरियाणा में कांग्रेस की हार ने कमजोर की। महाराष्ट्र के नतीजों ने इसे और विस्तार देते हुए अब भाजपा-एनडीए को पलटवार का मौका दे दिया है।

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज होने के ताजा मामले को विपक्ष की ओर से संसद में उठाने का पहले ही एलान कर चुके हैं। कांग्रेस-विपक्ष इसे उठाएगा भी मगर आईएनडीआईए गठबंधन में महाराष्ट्र के नतीजों के बाद सहजता होगी, इसमें संदेह है।

अपनों के निशाने पर होगी कांग्रेस

तृणमूल कांग्रेस, सपा तथा आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी खेमे के कई दल बेशक मोदी सरकार पर आक्रामक रहेंगे मगर विपक्षी गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस पर नरम रहेंगे इसकी गुंजाइश नहीं दिखती। महाराष्ट्र के परिणामों के बाद एक बार फिर विपक्षी खेमे के भीतर से चुनावी राजनीति के अखाड़े में भाजपा से मुकाबला करने में कांग्रेस की कमजोरी को लेकर निशाना साधा जाएगा।

डेढ़ महीने में कांग्रेस को मिली दूसरी हार

टीएमसी और आप जैसे दलों की ओर से इसका पुख्ता संकेत भी दिया जाने लगा है। खास बात यह है कि भाजपा से सीधे मुकाबले में हरियाणा के बाद कांग्रेस को डेढ़ महीने में ही दूसरी बार महाराष्ट्र में मात खानी पड़ी है। जबकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की सभी छह सीटों के उपचुनाव में ममता बनर्जी ने भाजपा का सफाया कर यह साबित किया है कि केवल सियसी विमर्श ही नहीं चुनावी अखाड़े में भी भाजपा को वे जमने नहीं दे रही हैं।

महाराष्ट्र में सपा ने जीती दो सीटें

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भाजपा ने चाहे बाजी मारी हो मगर उसके खिलाफ लड़ने का जज्बा अखिलेश यादव ने ही दिखाया है। कांग्रेस को सपा ने उपचुनाव में एक सीट की पेशकश की थी मगर पार्टी ने मैदान में नहीं उतरना ही मुनासिब समझा। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में पांच सीटों की अखिलेश की मांग की भी अघाड़ी गठबंधन ने अनदेखी कर दी। हालांकि अघाड़ी के इस सफाए में भी सपा महाराष्ट्र में दो सीटें जीतने में कामयाब रही है।

आप ने बढ़ाई कांग्रेस की मुसीबत

आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा के उपचुनाव की चार में से तीन सीटें जीतकर कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। पंजाब में कांग्रेस का मुख्य मुकाबला आप से है तो दिल्ली विधानसभा के होने वाले चुनाव में भी दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ होंगी। ऐसे में शीत सत्र के दौरान इन दलों को साधे रखना कांग्रेस नेतृत्व के लिए आसान नजर नहीं आ रहा है। विपक्षी गठबंधन की इस अंदरूनी खटपट का स्वाभाविक रूप से एनडीए शीत सत्र में फायदा उठाने का मौका नहीं छोड़ेगा।

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