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I.N.D.I.A की तीसरी बैठक में आपसी विरोधाभास थामने पर रहेगा जोर, बड़े दलों का कांग्रेस के प्रति रुख हुआ नरम

आइएनडीआइए गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के प्रति अपने तीखे रूख में काफी कुछ नरमी दिखाई है। मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली बैठक से पहले कई मौकों पर इन दोनों दलों ने कांग्रेस के राजनीतिक रूख का समर्थन करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Mon, 28 Aug 2023 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2023 10:42 PM (IST)
I.N.D.I.A आपसी मतभेदों की मुखरता को थामने के लिए जोर लगा रही है-

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्षी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए की मुंबई की तीसरी बैठक में 2024 के चुनाव की तैयारियों से लेकर गठबंधन के ढांचागत स्वरूप से जुड़े कई अहम मुद्दे बेशक चर्चा के प्रमुख एजेंडे में शामिल हैं मगर इस बैठक के दौरान एकजुटता के पहलु पर खास जोर दिया जाएगा। ताकि विपक्षी गठबंधन के बीच आपसी विरोधाभास का प्रचार करने की भाजपा की कोशिशों को नाकाम किया जा सके।

मुंबई बैठक में किस चीज पर हो सकती है चर्चा

मुंबई बैठक में इसके लिए विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच आपसी रिश्तों पर टीका-टिप्पणी को लेकर अनौपचारिक आचार संहिता का दायरा तय करने पर चर्चा होगी। विपक्षी की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस गठबंधन के तौर पर आइएनडीआइए के सकारात्मक राजनीतिक नैरेटिव के लिए आपसी मतभेदों की मुखरता को थामने के लिए जोर लगा रही है।

विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी

वैसे आइएनडीआइए गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के प्रति अपने तीखे रूख में काफी कुछ नरमी दिखाई है। मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाली बैठक से पहले कई मौकों पर इन दोनों दलों ने कांग्रेस के राजनीतिक रूख का समर्थन करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई है।

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बयान

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन महंगाई से लेकर रोजगार जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बयान का अनुमोदन करते नजर आए हैं। वहीं सपा नेतृत्व भी मुंबई बैठक से विपक्षी गठबंधन की राजनीतिक लड़ाई को नई ऊर्जा मिलने को लेकर खुलकर सकारात्मक संदेश देने रहा है। उत्तरप्रदेश के घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में सपा का उम्मीदवार होने और कांग्रेस का बाहर से समर्थन करना भी संकेत है कि दोनों पार्टियां 2024 के चुनाव को लेकर अपनी दूरियां कम करने में जुट गई हैं।

किन दलों को इसने शामिल करने का किया जा रहा प्रयास

समझा जाता है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से आइएनडीआइए में कुछ ऐसे अन्य दलों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें बसपा भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि बसपा प्रमुख मायावती से भी संपर्क साधा गया है और उनको भी मुंबई बैठक में आने के लिए अनौचारिक चैनलों के जरिए टटोला जा रहा है। बसपा सुप्रीमो से सकारात्मक संकेत मिला तब औपचारिक निमंत्रण दिया जा सकता है।

सपा और टीएमसी का रूख

हालांकि इस बारे में कांग्रेस के सियासी गलियारों में अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है। सपा और टीएमसी का यह रूख इस लिहाज से मायने रखता है कि पटना में विपक्ष एकता की पहली बैठक से पूर्व कांग्रेस से दोनों पार्टियों का खींचतान जगजाहिर था।

अक्सर दोनों पार्टियां कांग्रेस की बड़ी राजनीतिक भूमिका को लेकर सवाल उठाती रहीं थी लेकिन पटना और बेंगलुरू की बैठक के बाद जहां इसमें कमी आयी वहीं मुंबई बैठक से पूर्व दूरियां घटाने का संकेत दे रही हैं। हालांकि इस मामले में आम आदमी पार्टी का रूख अब भी तटस्थ है और वह अपने राजनीतिक हित के हिसाब से कांग्रेस पर वार करने से गुरेज नहीं कर रही।


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