Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Independence Day 2024: पीएम मोदी के संबोधन से नाखुश विपक्ष, देश के प्रमुख मुद्दों की उपेक्षा का लगाया आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्रचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम ने हाथ हिलाकर भीड़ का अभिवादन किया। इस बार स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत 2047 है। इसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। हालांकि विपक्षी दलों को पीएम मोदी का संबोधन रास नहीं आया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 15 Aug 2024 05:01 PM (IST)
Hero Image
लाल किले की प्रचीर से देश को संबोधित करते पीएम मोदी। (फोटो- एएनआई)

पीटीआई, नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के संबोधन में राष्ट्र के प्रमुख मुद्दों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने भाषण से लोगों को एकजुट करने, प्रेरित करने और राष्ट्र के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहे।

यह भी पढ़ें: विरोधियों पर निशाना, बांग्लादेश हिंसा पर चिंता; पीएम के भाषण की 10 बड़ी बातें

जयराम रमेश ने लगाया ये आरोप

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का घोर अपमान किया है कि आजादी के बाद से अब तक देश में ‘सांप्रदायिक नागरिक संहिता’ है। उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में जिन सुधारों के बड़े पैरोकार थे, उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ ने पुरजोर विरोध किया था।

डी राजा ने भी बोला हमला

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने कहा कि भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के भाषण में लोगों को एकजुट करने और प्रेरित करने की कोई बात नहीं दिखी। राजा ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी बोला, वह आरएसएस के भयावह, विभाजनकारी एजेंडे के अनुरूप है।

देश पर एकरूपता थोपने की कोशिश

डी राजा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री 2047 के बारे में बोलते हैं लेकिन वह देश की बहुलता और विविधता के मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहे। वह देश पर एकरूपता थोपने की कोशिश कर रहे हैं।

विपक्ष का अलग प्रधानमंत्री नहीं

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस बात का एहसास नहीं है कि देश में केवल एक ही प्रधानमंत्री है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने विपक्ष को वोट दिया, उनका कोई अलग प्रधानमंत्री नहीं है। झा ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि 11वीं बार भी नरेन्द्र मोदी यह समझने में विफल रहे हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं।

हर बार निराश करते हैं पीएम: मनोज झा

मनोज झा ने कहा कि आज उन्होंने (पीएम) धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता के बारे में बात की। धर्मनिरपेक्षता एक प्रक्रिया है। इसे आत्मसात करना होगा। हर बार जब हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री संकीर्ण मानसिकता छोड़ देंगे और व्यापक सोच रखेंगे तब वह निराश करते हैं।

पीएम ने की धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की वकालत

बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (एससीसी) की वकालत की। पीएम ने देश को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प व ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने रखा 2047 का विजन, CJI बोले- आज कर्तव्यों को याद करने का दिन