केजरीवाल-हेमंत सोरेन की तुरंत रिहाई, चुनावों में समान अवसर... रैली में INDIA ब्लॉक ने रखीं ये 5 मांग
Opportunity Rally लगभग 20 हजार की भीड़ के बीच सोनिया गांधी तो नहीं बोलीं लेकिन प्रियंका ने गठबंधन की ओर से पांच मांगे रखीं। लोकतंत्र बचाओ रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी संबोधित किया। उन्होंने मोदी सरकार पर चुनाव से पहले ही विपक्षी पार्टियों को डराने और दबाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस पार्टी के खातों को फ्रीज कर दिया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लगभग सात आठ महीने पहले तैयार हुए विपक्षी इंडी गठबंधन की दूसरी संयुक्त दिल्ली रैली में एकजुटता दिखी। हालांकि यह भी स्पष्ट संदेश दे दिया गया कि आयोजन भले ही आम आदमी पार्टी ने किया हो, इस मंच से नेतृत्व किसी को नहीं दिया जाएगा। इसीलिए मंच के बैकग्राउंड पर किसी भी नेता की फोटो नहीं लगाई गई। पर एक स्वर में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, फारूख अब्दुल्ला, सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर 'मैच फिक्स' करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने पुराना आरोप फिर से दोहराया
चुनाव आयुक्तों पर भी परोक्ष उंगली उठाते हुए कहा गया कि इस चुनावी मैच में रैफरी उनके तय किए हुए है, विपक्षी खिलाडि़यों को समान मौका नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस ने पुराना आरोप फिर से दोहराया कि ऐसे में अगर भाजपा चुनाव जीत जाती है तो संविधान बदल दिया जाएगा और 'देश में आग लग जाएगा।' आम आदमी पार्टी ने इस रैली का आयोजन किया था और जाहिर तौर पर यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा समर्थन दिखाने का मौका था।
उत्तर प्रदेश सरकार पर भी उंगली उठाई
मंच पर मौजूद नेताओं ने केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम भी लिया। लेकिन हर नेता के पास अपने कुछ दर्द भी थे। मसलन राहुल और खरगे आए तो उनके लिए कांग्रेस पर आयकर नोटिस ज्यादा बड़ा मुद्दा था। अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर भी उंगली उठाई। अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन अपने पतियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्यादा मुखर दिखीं।सुनीता केजरीवाल ने किया छह गारंटियों का एलान
सुनीता केजरीवाल को मंच पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बगल जगह दी गई थी। एक तरह से राजनीति में उनकी एंट्री का एलान हो गया। इसी तरह कल्पना सोरेन की एंट्री भी हो गई। सुनीता केजरीवाल ने रैली को भी संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल के संदेश और उनकी ओर छह गारंटियों का ऐलान किया गया। हालांकि यह तय नहीं कि उन्होंने जिन छह गारंटियों की बात की वह क्या पूरे गठबंधन की गारंटी है? क्योंकि इसमें दिल्ली की झलक थी। इसमें दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, मोहल्ला क्लीनिक जैसी बातें भी थीं।
विपक्षी पार्टियों को डराने और दबाने का आरोप
लगभग 20 हजार की भीड़ के बीच सोनिया गांधी तो नहीं बोलीं लेकिन प्रियंका ने गठबंधन की ओर से पांच मांगे रखीं। लोकतंत्र बचाओ रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी संबोधित किया। उन्होंने मोदी सरकार पर चुनाव से पहले ही विपक्षी पार्टियों को डराने और दबाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस पार्टी के खातों को फ्रीज कर दिया गया। पार्टी पर 3567 करोड़ की पेनाल्टी लगा दी गई है। वह चाहते है कि हम प्रचार न कर सकें। खरगे ने कहा कि यदि लोकतंत्र चाहते हो, तो तानाशाही का समर्थन करने वालों को देश से निकाल फेंकना होगा।उन्होंने आरएसएस को एक जहर जैसा बताया व कहा कि यदि इसे चाटकर भी देखने को सोंचेंगे तो भी मरेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव पर मैच फिक्सिंग जैसा आरोप लगाया और कहा कि चुनाव के ठीक पहले अंपायर यानी चुनाव आयुक्तों का चयन किया गया। मैच शुरू होने से पहले हमारी टीम के दो खिलाड़ियों (केजरीवाल व सोरेन) को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के बैंक खातों को बंद कर दिया गया।
विपक्षी गठबंधन की इस रैली को इस दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी संबोधित किया और उन्होंने इस पूरी लड़ाई को भगवान राम से जोड़कर बताया। जिसमें भगवान राम ने बगैर सत्ता, संसाधन और सेना के कैसे एक ऐसे व्यक्ति को धराशायी कर दिया था, जो ताकत और संसाधन में बहुत शक्तिशाली थी।गठबंधन की पांच मांगे
- चुनाव आयोग को समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए
- आयोग को जांच एजेंसियों की बलपूर्वक द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को रोकना चाहिए
- केजरीवाल और सोरेन की तत्काल रिहाई की जाए
- चुनाव के दौरान विपक्ष का आर्थिक रूप से गला घोंटने की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए
- चुनावी बांड से भाजपा को मिले चंदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआइटी गठित की जानी चाहिए।