इंदिरा गांधी ने छोड़ी देशप्रेम, धर्मनिरपेक्षता, दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य की अमिट छाप : सोनिया गांधी
Indira Gandhi Birth Anniversary सोनिया गांधी ने इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने देशप्रेम धर्मनिरपेक्षता दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य की अमिट छाप छोड़ी है और उनके अमिट योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
By Jagran NewsEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Sat, 19 Nov 2022 08:54 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर वर्ष 2021 के लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था 'प्रथम' को इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार दिया गया है। इंदिरा गांधी स्मृति न्यास की ओर से प्रथम संस्था की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डा. रुक्मिणी बनर्जी को यह पुरस्कार पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदान किया। सोनिया गांधी ने इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने देशप्रेम, धर्मनिरपेक्षता, दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य की अमिट छाप छोड़ी है और उनके अमिट योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
हामिद अंसारी ने प्रथम संस्था को प्रदान किया इंदिरा गांधी पुरस्कार
जवाहर भवन में शनिवार को आयोजित समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि लगभग साढ़े तीन दशक से इंदिरा गांधी की स्मृति में शांति और विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले महिला-पुरुषों को पुरस्कृत किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले संगठन और संस्थाओं को भी न्यास द्वारा प्रोत्साहित-पुरस्कृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आलोचक भी इंदिरा के व्यक्तित्व से प्रभावित थे। वह जानते हैं कि इंदिरा क्या थीं और उन्होंने क्या किया। वहीं, प्रथम संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए शिक्षा की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि सही शिक्षा छोटे को भी महान बा सकती है। इंदिरा गांधी ने भी कई वर्ष शांति निकेतन में बिताए। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए शिक्षा में नवाचार पर ध्यान दिया।