Karnataka कांग्रेस में अंतर्कलह! सीएम और डिप्टी सीएम में रार की आहट; डीके शिवकुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया ये निर्देश
कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्रियों की मांग के बीच उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि पार्टी के हित में पार्टीजनों को सार्वजनिक बयानबाजी से बचना चाहिए। राज्य मंत्रिमंडल में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग बढ़ रही है। जो समुदाय इसमें शामिल हैं वो हैं- वीरशैव-लिंगायत एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों से। वर्तमान में प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय से शिवकुमार सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में एकमात्र उपमुख्यमंत्री हैं।
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की संभावना और तीन और उपमुख्यमंत्रियों की मांग को लेकर चल रही बहस के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान जारी करने से बचने को कहा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।
शिवकुमार (जो उपमुख्यमंत्री भी हैं) ने पार्टी के हित में पार्टीजनों से 'अपना मुंह बंद रखने' का आग्रह किया है साथ ही उन्होंने संतों से राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का अनुरोध भी किया है। दरअसल, राज्य के कुछ मंत्री वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की वकालत कर रहे हैं। वर्तमान में डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री हैं और वोक्कालिगा समुदाय से हैं।
कांग्रेस के भीतर पदों को लेकर कलह
कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना है कि तीन और उपमुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग संबंधी मंत्रियों के बयान सिद्धरमैया खेमे की (खास) योजना का हिस्सा है और उसका मकसद शिवकुमार को काबू में रखना है। ऐसी चर्चा है कि शिवकुमार सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकते हैं।वीरशैव-लिंगायत के संत ने कर दी ये मांग
इसके बाद वीरशैव-लिंगायत संत श्रीशैल जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य स्वामीजी ने शुक्रवार को कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के लिए उनके समुदाय के मंत्रियों पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पद की स्थिति में भी उन्हें प्राथमिकता दिए जाने की वकालत की।