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Opposition Meeting In Patna: विपक्षी दलों की बैठक में देश को परेशान करने वाले मुद्दों पर होगी चर्चा: शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में हिंसा प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति सहित देश के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विपक्षी दलों के शीर्ष नेता 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन की रूपरेखा तैयार करने के लिए शुक्रवार को बिहार की राजधानी में बैठक करेंगे।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 23 Jun 2023 11:33 AM (IST)
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विपक्षी दलों की बैठक में देश को परेशान करने वाले मुद्दों पर होगी चर्चा
पुणे, एजेंसी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक में हिंसा प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति सहित देश के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

विपक्षी दलों के शीर्ष नेता 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन की रूपरेखा तैयार करने के लिए शुक्रवार को बिहार की राजधानी में बैठक करेंगे। बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जेडीयू) और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव (आरजेडी) कर रहे हैं।

कई पार्टियों के नेता होंगे शामिल

पवार के अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (TMC), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (AAP), तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (DMK), समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (शिवसेना-UBT) पहली उच्च स्तरीय विपक्षी बैठक में भाग लेने वाले हैं।

पटना रवाना होने से पहले पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि हम कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिनका देश सामना कर रहा है, जिसमें मणिपुर की स्थिति भी शामिल है।

देश के मुद्दों को लेकर होगी चर्चा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों के सड़कों पर उतरने और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने जैसी घटनाएं हो रही हैं, खासकर गैर-भाजपा शासित राज्यों में।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि इसके पीछे कौन है और यह देश के लिए अच्छा नहीं है। बैठक का फोकस इन मुद्दों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य की योजना तैयार करना है। दूसरे राज्यों के नेता अपनी चिंताएं सामने रख सकते हैं।