Kapil Sibal: यह कुछ लोगों के लिए ‘चांद मांगने जैसा’ है...हेट स्पीच मामले पर SC की टिप्पणी पर सिब्बल का तंज
हेट स्पीच मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद आज अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा है कि यह कुछ लोगों के लिए ‘चांद मांगने जैसा’ है जिनकी राजनीति नफरत पर आधारित है।
By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Thu, 30 Mar 2023 11:34 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। हेट स्पीट के मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) में अहम सुनवाई हुई थी, जहां देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जब राजनीति और धर्म अलग-अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे, तब हेट स्पीच के मामले सामने नहीं आएंगे।
यह कुछ लोगों के लिए चांद मांगने जैसा- सिब्बल
कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा है कि यह कुछ लोगों के लिए ‘चांद मांगने जैसा’ है, जिनकी राजनीति नफरत पर आधारित है।
सिब्बल ने किया ट्वीट
सिब्बल ने अपने ट्विटर पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हेट स्पीच बंद हो जाएगी 'जिस पल राजनीति और धर्म को अलग कर दिया जाएगा' लेकिन यह चांद मांगने जैसा है!पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि याद रखें: 1) आडवाणीजी की रथ यात्रा 2) आरएसएस प्रमुख की श्मशान-कब्रिस्तान को लेकर टिप्पणियां (2018) 3) गोली मारो ... (2020) भाषण आदि, कुछ के लिए राजनीति सिर्फ नफरत पर आधारित है।
Supreme Court:
Hate speech will stop " the moment politics and religion are segregated "
Asking for the moon !
Remember:
1) Advaniji’s Rath Yatra
2) RSS chiefs "shamshan-kabristan comments (2018)
3) Goli Maro saalon…(2020) speech
4) etc
For some politics is based on hate !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 30, 2023
नेहरू और अटल के भाषणों को लोग आते थे सुनने
वहीं, जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि दूरदराज के इलाकों और हर नुक्कड़ से लोग उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा होते थे।जस्टिस जोसेफ ने कहा कि बड़ी समस्या तब पैदा होती है जब राजनेता राजनीति को धर्म के साथ मिला रहे हैं। जिस पल राजनीति और धर्म को अलग कर दिया जाएगा, यह समाप्त हो जाएगा। जब राजनेता धर्म का उपयोग करना बंद कर देंगे, तो यह सब बंद हो जाएगा। हमने अपने हालिया फैसले में भी कहा है कि राजनीति को धर्म से मिलाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।