'लोकतंत्र बचाना है तो...' विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार तो पूर्व CM का फूटा EVM पर गुस्सा
आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लगभग हर उन्नत लोकतांत्रिक देशों में चुनावी प्रथाओं में कागजी मतपत्रों का उपयोग किया जाता है ईवीएम का नहीं। हाल ही में आंध्र प्रदेश में एक साथ संपन्न हुए चुनावों में वाईएसआरसीपी सिर्फ 11 विधानसभा और चार लोकसभा सीटों पर सिमट गई।
पीटीआई, अमरावती। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। विधानसभा चुनाव में पार्टी महज 11 सीटें ही जीत सकी। चुनावी में मिली करारी शिकस्त के बाद पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर सवाल खड़े कर दिए।
वहीं, उन्होंने कहा कि अब देश में चुनाव ईवीएम की जगह ह कागजी मतपत्रों से हो। उन्होंने दावा किया की दुनिया के सभी मजबूत लोकतांत्रिक देशों में कागजी मतपत्रों के जरिए वोटिंग होती है।
लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए मतपत्रों का हो इस्तेमाल: जगन मोहन रेड्डी
रेड्डी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट पर लिखा,"दुनिया भर में लगभग हर उन्नत लोकतांत्रिक देशों में चुनावी प्रथाओं में कागजी मतपत्रों का उपयोग किया जाता है, ईवीएम का नहीं।" हमारे देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए डाक मतपत्रों के जरिए चुनाव कराने की जरूरत है।"
हाल ही में आंध्र प्रदेश में एक साथ संपन्न हुए चुनावों में वाईएसआरसीपी सिर्फ 11 विधानसभा और चार लोकसभा सीटों पर सिमट गई। टीडीपी, बीजेपी और जनसेना वाले एनडीए ने 175 में से 164 विधानसभा सीटें हासिल करके शानदार जीत हासिल की। 25 लोकसभा सीटों में से गठबंधन को 21 सीटें मिलीं।
आंध्र प्रदेश में भय का माहौल: जगन मोहन रेड्डी
कुछ दिनों पहले जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को टीडीपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने से पहले ही टीडीपी के कार्यकर्ताओं ने आंध्र प्रदेश में भय का माहौल बना दिया है। जगन मोहन रेड्डी ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले को रोकने के लिए राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की अपील की।
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