Politics: संजय सिंह ने जेपीसी को कहा ड्रामा तो भड़के जगदंबिका पाल, बोले- उनका कथन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय
वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने संसदीय समिति के बारे में अभद्र टिप्पणी करने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की कड़ी आलोचना की और कहा कि लोग इसके काम की तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेपीसी ने नियमित बैठकें की हैं और विपक्षी सांसदों ने नियमित रूप से इसमें भाग लिया है।
एएनआइ, गुवाहाटी। वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने संसदीय समिति के बारे में अभद्र टिप्पणी करने पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की कड़ी आलोचना की और कहा कि लोग इसके काम की तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जेपीसी ने नियमित बैठकें की हैं और विपक्षी सांसदों ने नियमित रूप से इसमें भाग लिया है और समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस बीच, शनिवार को जेपीसी ने एक दिवसीय दौरे के दौरान गुवाहाटी में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के राज्य सरकार के प्रतिनिधियों, स्थानीय वक्फ बोर्डों और अन्य संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया। उनकी राय जानी और सुझाव लिए।
जगदंबिका पाल ने कहा कि अपने बयानों से संजय सिंह संसदीय लोकतंत्र और खुद पर टिप्पणी कर रहे हैं। हमने दिल्ली में आठ घंटे लंबी 25 बैठकें की हैं और विपक्षी सक्रिय रूप से सवाल पूछ रहे हैं और ये सभी बातें आन रिकार्ड में हैं। एक सांसद द्वारा इस संसदीय लोकतंत्र को ड्रामा कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
आगे कहा कि एक जेपीसी का गठन इसलिए किया जाता है ताकि सरकार लोगों के बीच जाकर और देश के सभी क्षेत्रों का दौरा करके बेहतर प्रस्ताव पारित करने के लिए उनकी इच्छा, विचार जान सके। इन दिनों हम उत्तर-पूर्व में हैं और कई शहरों का दौरा करेंगे। जेपीसी नौ से 14 नवंबर तक गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ के दौरे पर है। शनिवार को उसने गुवाहाटी में हितधारकों की राय जानी।
इससे पहले आप नेता संजय सिंह ने जेपीसी के दौरे को ड्रामा और मुद्दों से ध्यान भटकाने का जरिया बताया। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष बैठक में नहीं जाता है तो कोरम अधूरा रहता है। मुझे नहीं पता कि आज के गुवाहाटी दौरे में कोरम पूरा हो रहा है या नहीं। यह जेपीसी एक ड्रामा है। जेपीसी सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाने का जरिया थी। असलियत में मोदी सरकार जेपीसी में कोई चर्चा नहीं चाहती है।
बता दें कि समिति 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सदन में पेश करने की योजना बना रही है।उधर जेपीसी सदस्य और भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने शनिवार को संयुक्त संसदीय समिति के दौरे का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी सांसदों की आलोचना की और इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया।