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कांग्रेस के बिना विपक्ष का कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता, जयराम रमेश ने ऐसा क्यों कहा?

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी गठबंधन नहीं हो सकता और अगर कोई गठबंधन होता है तो वह विफल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के पूर्ण सत्र में चुनाव पूर्व गठबंधन और चुनाव बाद गठबंधन दोनों पर चर्चा होगी।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 19 Feb 2023 03:59 PM (IST)
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा- कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन सफल नहीं होगा
नई दिल्ली, आईएएनएस। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि उसके बिना कोई भी गठबंधन विफल हो जाएगा। अगर फिर भी विपक्ष का कोई भी गठबंधन होता है तो वह सफल नहीं होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी के महाधिवेशन में राज्यों में गठबंधन के साथ-साथ 2024 में होने वाले आम चुनाव पर चर्चा होगी।

''कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी गठबंधन नहीं हो सकता''

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी गठबंधन नहीं हो सकता है और कांग्रेस के बिना कोई भी गठबंधन विफल हो जाएगा, लेकिन पूर्ण सत्र में कांग्रेस चुनाव पूर्व गठबंधन और चुनाव बाद गठबंधन दोनों पर चर्चा करेगी।"

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''कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ नहीं है''

रमेश ने कहा कि यह झूठा प्रचार है कि कांग्रेस गठबंधन के विचार के खिलाफ है। हम केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में गठबंधन में हैं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लेने की कोशिश कर रही है और बजट सत्र में विपक्ष ने संयुक्त रूप से कुछ को छोड़कर अडानी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जेपीसी की मांग की।

नीतीश कुमार के बयान का स्वागत

जयराम ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का भी स्वागत किया कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को बिना किसी देरी के विपक्षी एकता पर फैसला लेना चाहिए। कुमार ने कहा, ''अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ें तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 100 से कम सीटें मिलेंगी।''

''हम बिहार में विपक्षी एकता के लिए काम कर रहे हैं"

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के तुरंत बाद मैंने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात की। अब मैं विपक्षी एकता पर कांग्रेस के फैसले का इंतजार कर रहा हूं।" उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस विपक्षी एकता का नेतृत्व करती है और मेरे सुझाव लेती है, तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में 100 से कम सीटें मिलेंगी। हम बिहार में विपक्षी एकता के लिए काम कर रहे हैं।"

''मैं सिर्फ बदलाव चाहता हूं''

नीतीश कुमार ने कहा, "जब मैं एनडीए से बाहर आया, तो हर विपक्षी दल ने मेरा स्वागत किया। अगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हर विपक्षी दल एकजुट हो गया, तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा। देश का नेतृत्व करने की मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। मैं सिर्फ बदलाव चाहता हूं। विपक्षी दलों का जो भी फैसला होगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा।''

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