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भाजपा नेताओं के सामने JDU ने मिलाया विपक्ष के सुर में सुर, संसदीय समिति की पहली बैठक में उठा दी बड़ी मांग

अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति की पहली बैठक में जातिगत गणना का मुद्दा उठा। कांग्रेस टीएमसी और द्रमुक के सदस्यों ने जातिगति गणना पर चर्चा कराने की मांग की। इस बीच उन्हें केंद्र सरकार में सहयोगी जदयू का भी साथ मिला। बता दें कि जदयू पूरे देश में जातिगत गणना कराने की पक्षधर है। बिहार में जातिगत गणना हो चुकी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 29 Aug 2024 07:52 PM (IST)
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत गणना का मुद्दा गर्माने लगा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत गणना का मुद्दा उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कोई भी शक्ति इसे रोक नहीं सकती है। अब केंद्र में भाजपा की सहयोगी जदयू ने गुरुवार को विपक्ष के सुर में सुर मिलाया।

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पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति में चर्चा के लिए जातिगत गणना को विषय के रूप में शामिल करने की मांग की है। द्रमुक के सदस्य टीआर बालू ने समिति की पहली बैठक में यह मुद्दा उठाया।

चर्चा के लिए जातिगत गणना को सूचीबद्ध करने की मांग

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सदस्य मणिक्कम टैगोर चाहते थे कि समिति चर्चा के लिए सबसे पहले विषय के रूप में जातिगत गणना को सूचीबद्ध करे। तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने भी उनका समर्थन किया। जदयू के सदस्य गिरधारी यादव ने भी जातिगत गणना को सूचीबद्ध करने की मांग की। बता दें कि भाजपा सांसद गणेश सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं।

गृह मंत्रालय को पत्र लिखने की मांग

कल्याण बनर्जी ने समिति से जातिगत गणना कराने को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिखने की मांग की। बता दें कि एनडीए में शामिल जदयू देशभर में जातिगत गणना करने के पक्ष में है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण का आदेश दिया था।

पिछले साल इसके आंकड़ों को भी सार्वजनिक किया गया था। इस बीच, भाजपा के एक सदस्य ने अनुबंध और अस्थायी आधार पर की जाने वाली भर्तियां और तदर्थ नियुक्तियों को भी आरक्षण के दायरे में लाने की मांग उठाई।

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