Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

राहुल गांधी से जुड़े फैसले में हैरान करने वाली कई बातें: कपिल सिब्बल, बोले- दिल से अब भी कांग्रेसी हूं

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी से जुड़े फैसले में हैरान करने वाली कई बातें हैं। जिसकी मानहानि की बात है उन्होंने तो मुकदमा किया ही नहीं है। सिब्बल ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ी है लेकिन दिल से अब भी कांग्रेसी हूं।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 24 Apr 2023 05:49 AM (IST)
Hero Image
कपिल सिब्बल ने कहा- दिल से अब भी कांग्रेसी हूं

इंदौर, आनलाइन डेस्क। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले के कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। 'इंसाफ के सिपाही' अभियान चला रहे सिब्बल का कहना है कि मैंने कांग्रेस पार्टी भले छोड़ी है, लेकिन दिल से अब भी कांग्रेसी ही हूं और कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा हूं।

'अब तक संसद भी कैप्चर हो गई है'

इंदौर प्रेस क्लब में रविवार को कपिल सिब्बल के साथ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पत्रकारों से चर्चा की। सिब्बल ने आरोप लगाया कि देश की सभी संस्थाओं की स्वतंत्रता पर कब्जा हो रहा है। अब तो संसद भी 'कैप्चर' हो गई है। विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता। न्यायपालिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे फैसले आते हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं है, आधार नहीं है। राहुल गांधी को लेकर जो फैसला आया है, वह हैरत भरा है। जिसकी मानहानि की बात है, उन्होंने तो मुकदमा नहीं किया। तीनों मोदी में से किसी ने केस दर्ज नहीं कराया।

'बयान कर्नाटक में दिया, केस सूरत में दर्ज हुआ'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने बयान कर्नाटक में दिया और केस सूरत में दर्ज हुआ। मोदीजी तो बैकवर्ड भी नहीं हैं। फिर यह मुकदमा हुआ क्या? जिन्होंने फैसला सुनाया, उन्हें पता है कि दो साल की सजा होगी तो सदस्यता चली जाएगी। अदालतों को क्या हो रहा है? संविधान के ढांचे ही गिर जाएंगे तो देश का क्या होगा?

'यदि मैं होता तो सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाता'

यह पूछने पर कि क्या राहुल के केस में कानूनी लड़ाई ठीक से नहीं लड़ी गई? तन्खा ने कहा- राहुल गांधी के वकील बहुत वरिष्ठ हैं। उन्होंने पारंपरिक शैली अपनाई, जिसमें सत्र न्यायालय के बाद उच्च न्यायालय और फिर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर होती है। यदि मैं या सिब्बल होते तो हम सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाते।

'गैर भाजपा सरकारों पर हो रही कार्रवाई'

पूर्ववर्ती सरकारों पर भी संवैधानिक संस्थाओं के इस्तेमाल के आरोप लगते रहे हैं, इस पर सिब्बल ने कहा- पिछली सरकारों में भी गलतियां हुई हैं, मगर मर्यादा की सीमा होती है। देश दो हिस्सों में बंटा है। जहां भाजपा सरकारें हैं, वहां ईडी, सीबीआइ के लिए दरवाजे बंद हैं, वहीं अन्य सरकारों पर ईडी की कार्रवाई हो रही है। अब तो पूर्व राज्यपाल को भी नोटिस दिए जा रहे हैं।

'मैं अब किसी पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा'

कांग्रेस में वापसी की संभावना पर सिब्बल ने कहा- मैं एक साल पहले कह चुका हूं कि अब किसी पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा। तन्खा ने कहा कि बतौर निर्दलीय सिब्बल विपक्ष को जोड़ने का काम ज्यादा बेहतर तरीके से कर रहे हैं। गुजरात के नरोडा पाटिया केस के सभी आरोपितों के बरी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीड़ित ने अपील करने का फैसला किया है। यदि मेरे पास कोई आता है तो मदद करूंगा।