Karnataka Election: कनकपुरा सीट पर BJP-कांग्रेस में होगा कड़ा मुकाबला, DK शिवकुमार का नामांकन स्वीकार
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नामांकन को स्वीकार कर लिया है। (फाइल फोटो)
By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 21 Apr 2023 02:54 PM (IST)
बेंगलुरु, ऑनलाइन डेस्क। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बस कुछ ही दिनों का शेष समय बचा है। वहीं, नामंकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि शुक्रवार को कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नामांकन को स्वीकार कर लिया गया है। इससे डीके शिवकुमार बनाम भाजपा के आर अशोक का मुकाबला देखने को मिलेगा।
कनकपुरा से डीके शिवकुमार ने भरा नामंकन
कनकपुरा से सात बार के विधायक डीके शिवकुमार ने सोमवार को अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। हालांकि इससे पहले गुरुवार को डीके शिवकुमार का नामांकन रद्द होने की स्थिति में था क्योंकि उनके भाई और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद डीके सुरेश ने भी बैकअप उम्मीदवार के रूप में उसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना पर्चा दाखिल किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के लगे हैं आरोप
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कथित मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) विभाग द्वारा कई जांचों का सामना कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया है और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है।बीजेपी आर अशोक ने इस सीट से भरा नामंकन
बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के लिए कनकपुरा विधानसभा सीट से मंत्री आर अशोक को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी के साथ अब उनका मुकाबला डीके शिवकुमार से होगा। वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले श्री अशोक को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का करीबी सहयोगी माना जाता है। रामनगर जिले में स्थित कनकपुरा सीट वोक्कालिगा समुदाय का गढ़ है। यहां 60 प्रतिशत से अधिक मतदाता वोक्कालिगा समुदाय से हैं।
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1989 से कनकपुरा सीट जीत रही है कांग्रेस
कांग्रेस साल 1989 से कनकपुरा सीट जीत रही है। हालांकि 2004 और 2008 के बीच कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा नहीं था क्योंकि उस दौरान यह सीट जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के पास थी। कनकपुरा में 10 मई को होने वाले मतदान में सबसे हाई-वोल्टेज मुकाबलों में से एक होने की उम्मीद है। चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।
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