Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'45 MLA हमारे संपर्क में, जनवरी के बाद गिर जाएगी सिद्दरमैया सरकार' BJP नेता के दावे से कर्नाटक में मचा हड़कंप

कर्नाटक के कांग्रेस एमएलसी बीके हरिप्रसाद को हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में बोलने नहीं दिया गया जिस पर भाजपा नेता बसनगौड़ा आर पाटिल (यतनाल) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हरिप्रसाद की वरिष्ठता को महत्व नहीं दिया गया। वे काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद सिद्दरमैया सरकार नहीं रहेगी। हमारे संपर्क में 45 विधायक हैं।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 18 Sep 2023 10:07 AM (IST)
Hero Image
BJP नेता बसनगौड़ा आर पाटिल के दावे से कर्नाटक में मचा हड़कंप

बेंगलुरु, एएनआई। Karnataka Politics: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में इस समय सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस कार्यसमिति की हैदराबाद में जब दो दिवसीय बैठक हुई, तो वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद (BK Hariprasad) को मंच पर बोलने नहीं दिया गया, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।

'बीके हरिप्रसाद कांग्रेस से आहत हैं'

भाजपा नेता बसनगौड़ा आर पाटिल (Basanagouda R Patil) ने कहा कि कांग्रेस ने बीके हरिप्रसाद की वरिष्ठता को महत्व नहीं दिया, जिससे वे काफी आहत हैं। यह उनका आंतरिक मामला है। हरिप्रसाद ने सिद्दरमैया के बारे में काफी कुछ कहा। ये सारे घटनाक्रम बताते हैं कि यह सरकार जनवरी के बाद नहीं रहेगी।

यह भी पढ़ें: कर्नाटक सरकार ने किया संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का मेगा कार्यक्रम आयोजित, देश-विदेश से लाखों लोग हुए शामिल

'44 एमएलए हमारे संपर्क में'

पाटिल ने कहा कि 44 एमएलए हमारे संपर्क में हैं। जब हम सत्ता में आ रहे हैं तो हमें विपक्ष का नेता नियुक्त करने की जहमत क्यों उठाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Karnataka: दलित उत्पीड़न के आरोप में कर्नाटक के मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज, CM बसवराज बोम्मई ने दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस से क्यों आहत हैं हरिप्रसाद?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में बीके हरिप्रसाद, मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी पहुंचे थे। बीके हरिप्रसाद को मंच पर बोलने नहीं दिया गया, जबकि सिद्दरमैया और शिवकुमार को बोलने का मौका दिया गया। यही  नहीं, जब कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आई तो भी हरिप्रसाद को मंत्री नहीं बनाया। इसी से हरिप्रसाद काफी आहत हैं।