Karnataka Politics: कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्री की उठी मांग, सीएम सिद्धारमैया बोले- आलाकमान लेगा निर्णय
कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की वकालत पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि इस पर आलाकमान के फैसले का पालन करूंगा। सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने शनिवार को कर्नाटक में और तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी की थी और कहा था कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान के साथ इस पर चर्चा करेंगे।
कलबुर्गी, पीटीआई। कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की वकालत पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि इस पर आलाकमान के फैसले का पालन करूंगा।
कर्नाटक में और तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की उठी आवाज
सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने शनिवार को कर्नाटक में और तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी की थी और कहा था कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान के साथ इस पर चर्चा करेंगे।
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सिद्धरमैया ने बताया मंत्री की व्यक्तिगत राय
सिद्धरमैया ने कहा कि यह मंत्री की व्यक्तिगत राय है जो इसे पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस मुद्दे पर उन्हें कुछ नहीं कहना है और इस पर निर्णय लेना आलाकमान का काम है। सिद्धरमैया ने कहा कि आलाकमान ने कहा था कि एक उपमुख्यमंत्री पर्याप्त है।
राजन्ना ने सरकार के सामने रखी मांग
राजन्ना ने वीरशैव- लिंगायत, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के एक-एक नेता को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की वकालत की थी। वर्तमान में वोक्कालिगा समुदाय से डीके शिवकुमार एकमात्र उपमुख्यमंत्री हैं। वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं।
कर्नाटक सरकार में एकमात्र उपमुख्यमंत्री हैं शिवकुमार
मंत्रिमंडल के गठन के समय कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवकुमार एकमात्र उपमुख्यमंत्री होंगे। वहीं, राजन्ना के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग में कुछ भी गलत नहीं है। परमेश्वर भी मई में सरकार बनने के समय उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे।
राजन्ना ने अच्छे इरादे से कही यह बात- परमेश्वर
परमेश्वर ने कहा कि राजन्ना ने यह बात अच्छे इरादे से कही है। दलित समुदाय से आने वाले परमेश्वर ने कहा कि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं और सभी समुदायों को विश्वास में लेने के लिए राजन्ना अपनी राय साझा की है, लेकिन इसे लागू करना है या नहीं, यह आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।
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