कर्नाटक में फिर नाटक! हिजाब पर पाबंदी प्रिंसिपल को पड़ी भारी, सिद्धा सरकार ने रोका अवॉर्ड; भाजपा बोली- जिहादियों के कहने पर हुआ
Karnataka कर्नाटक में हिजाब का विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। सिद्धारमैया सरकार के हालिया फैसले से पूरे मामले पर सियासत गरमा गई है। कॉलेज प्रिंसिपल के हिजाब पर रोक लगाने के फैसले को लेकर कर्नाटक सरकार ने उनको मिलने वाला अवॉर्ड ऐन मौके पर रोक दिया। ऐसे में भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिहादी तत्वों के दबाव में आकर ये फैसला किया है।
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल को राज्य में सर्वश्रेष्ठ अध्यापक का दिया जाने वाला अवॉर्ड ऐन मौके पर रोक दिया है। दो साल पहले राज्य में जब हिजाब विरोधी मुहिम अपने चरम पर थी, तब इन प्रिंसिपल ने हिजाब के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था।
लिहाजा, उनके अपने कार्यक्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए चुने जाने के बावजूद ऐन शिक्षक दिवस के दिन ही उनका पुरस्कार रोक दिया गया। राज्य के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उडुपी जिले के कुंडापुरा स्थित गर्वनमेंट प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल रामकृष्ण बीजी को शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को ही यह अवॉर्ड मिलना था, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं के प्रिंसिपल को दिए जाने वाले पुरस्कार का विरोध किया और राज्य सरकार ने उनके नाम की घोषणा ही नहीं की।
शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि तब प्रिंसिपल ने बच्चों से जैसा बर्ताव किया, वही असली मुद्दा है। अगर वह इस मामले में बेदाग निकले तो कोई परेशानी की बात नहीं, लेकिन अगर वह किसी सरकारी आदेश का पालन कर रहे थे तो उसे एक निश्चित तरीके से अंजाम देना था। अगर वह उस तरह नहीं किया गया तो उनसे सवाल पूछे जाएंगे। इसलिए पहले उसका ब्योरा देखने दें, तब समिति फैसला लेगी।कहा- बदले की राजनीति नहीं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को विवाद न बनाएं, क्योंकि इसमें बदले की राजनीति नहीं हो रही है। बताया जाता है कि राज्य में हिजाब को लेकर मचे बवाल के बीच वर्ष 2021 में एक सरकारी आदेश का पालन करते हुए रामकृष्ण ने मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में बिना हिजाब आने को कहा था और हिजाब पहन के आने की सूरत में महीनों कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया था।
भाजपा ने जताया विरोध
इस कदम के चलते मेंगलुरु, मांड्या और उडुपी समेत समूचे कर्नाटक में समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए थे। मेंगलुरु उत्तर के भाजपा विधायक वाई.भरत शेट्टी ने राज्य सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अवॉर्ड की वरीयता सूची में प्रिंसिपल रामकृष्ण बीजी का नाम सबसे ऊपर होने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने एसडीपीआई और पीएफआई जैसे जेहादी तत्वों के ट्वीट के आधार पर यह फैसला लिया है।भाजपा विधायक टीएस श्रीवस्ता ने कहा कि अगर सरकार ने यह फैसला तत्काल वापस नहीं लिया तो वह प्रदर्शन करेंगे। कुछ हिंदू संगठनों ने भी इंटरनेट मीडिया पर अपना विरोध दर्ज किया है। उत्तर कर्नाटक में विहिप के उपाध्यक्ष गोवर्धन राव ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार की यह तुष्टीकरण की शर्मनाक राजनीति है, जिसे शिक्षक दिवस पर अंजाम दिया गया है।