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Katchatheevu Island Issue: एस जयशंकर ने बताई कच्चाथीवू द्वीप मामले की पूरी कहानी; कांग्रेस और DMK पर क्यों बरसे विदेश मंत्री?

Katchatheevu Island Issue विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चाथीवू द्वीप मामले पर कांग्रेस और डीएमके पर निशाना साधा। उन्होंने विस्तार से इस मामले पर जानकारी दी। एस जयशंकर ने कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक सामने आ गया हो। यह एक जीवंत मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो संसद और तमिलनाडु हलकों में इस पर बहुत बहस हुई है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 01 Apr 2024 09:51 AM (IST)
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विदेश मंत्री एस जयशंकर कच्चाथीवू द्वीप मामले पर कांग्रेस पर निशाना साधा है।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Katchatheevu Island Issue। कच्चाथीवू द्वीप पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एस जयशंकर ने कहा कि डीएमके ने तमिलनाडु के लिए कुछ नहीं किया।आंकड़ों से डीएमके का दोहरा चरित्र दिखता है।

एस जयशंकर ने समझाया पूरा मामला

एस जयशंकर ने कहा कि सबसे पहले मैं समझा दूं कि आखिर कच्चाथीवू द्वीप का मामला है क्या और आज के समय ये क्यों प्रासंगिक है। जून 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ, जहां दोनों देशों ने

समुद्री सीमा तय किए और सीमा तय करते हुए भारत ने श्रीलंका को कच्चाथीवू द्वीप सौंप दिया।

इस समझौते में तीन खंड हैं। पहले खंड के मुताबिक, दोनों देश समुद्री सीमा की संप्रभुता का पालन करेगी। यानी दोनों देश एक-दूसरे देशों की समुद्री सीमा को नहीं लांघेंघे। दूसरा खंड ये कि भारत के मछुआरे कच्चाथीवू द्वीप जाकर मछलियां पकड़ेंगे। उन्हें किसी तरह के कागजात की जरूरत नहीं पड़ेगी। तीसरा खंड ये था कि दोनों देशों के जहाज इस रूट से आवाजाही करते रहेंगे।

दो सालों में बदल गई थी सरकार की रणनीति...

जून 1974 के समय दोनों देशों की बीच ये समझौते हुए। तत्कालीन सरकार ने संसद में कहा था कि इस समझौते से भारत के मछुआरों के अधिकारों को नहीं छीना गया है। इसके बाद दो साल बाद साल 1976 में दोनों देशों के बीच चिट्ठी लिखी गई। दो साल के बाद सरकार ने फैसला कर लिया कि भारत के मछुआरे श्रीलंका की सीमा में दाखिल नहीं होंगे। तो  सरकार यह रवैया कुछ ऐसा था,जिसकी वजह से विवाद गहराता चला गया।

यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक सामने आ गया: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा,"पिछले 20 वर्षों में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका द्वारा जब्त किए गए। पिछले पांच वर्षों में कच्चाथीवू मुद्दा और मछुआरों का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तत्कालीन सीएम तमिलनाडु सरकार ने मुझे कई बार लिखा है। और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि वर्तमान सीएम को मैंने इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दिया है।

जयशंकर ने कांग्रेस, डीएमके पर साधा निशाना

एस जयशंकर ने आगे कहा कि यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक सामने आ गया हो। यह एक जीवंत मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो संसद और तमिलनाडु हलकों में इस पर बहुत बहस हुई है।  यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है। अब तमिलनाडु में हर राजनीतिक दल ने इस पर अपना रुख अपनाया है।

एस जयशंकर ने आगे कहा,"दो पार्टियों, कांग्रेस और द्रमुक ने इस मामले को ऐसे उठाया है जैसे कि उनकी इसके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं है।

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