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राष्ट्रीय फलक पर हर क्षेत्रीय दलों से आगे रहने की तैयारी में जुटे KCR, बनाया जा रहा है केंद्रीय दफ्तर

टीआरएस (TRS) से नाम बदलकर बीआरएस (BRS) करने के बाद केसीआर (KCR) ने आनन फानन में दिल्ली मे कार्यालय भी ले लिया है। पूरी कोशिश है कि हर क्षेत्रीय पार्टी के मुकाबले बीआरएस राजधानी में ज्यादा सक्रिय दिखे।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 23 Oct 2022 12:57 PM (IST)
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KCR ने दिल्ली में तैयार हो रहे पार्टी दफ्तर का मुआयना किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पहली परीक्षा तो तेलंगाना में ही होनी है जहां लोकसभा से पहले ही चुनाव है लेकिन राष्ट्रीय फलक पर छाने की तैयारी में वह कोई सुस्ती नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि वह हैदराबाद से लेकर दिल्ली तक समान स्तर पर सक्रिय दिख रहे हैं। टीआरएस से नाम बदलकर बीआरएस करने के बाद केसीआर ने आनन फानन में दिल्ली मे कार्यालय भी ले लिया है।

पूरी कोशिश है कि हर क्षेत्रीय पार्टी के मुकाबले बीआरएस राजधानी में ज्यादा सक्रिय दिखे। बताते हैं कि केसीआर अब सरकार की कुछ बैठकें दिल्ली में करने लगे हैं। अधिकारियों को सक्रिय किया गया है। इसी सिलसिले में उन्होंने दिल्ली में तैयार हो रहे पार्टी दफ्तर का मुआयना भी किया।

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दफ्तर उस सरदार पटेल मार्ग पर लिया गया है जहां कई राज्यों के भवन हैं। विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं से मिलने का सिलसिला पहले से ही जारी है। बावजूद तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते कद को थामने के प्रयासों में भी कोई कमी नहीं की है।

सबसे आसन्न चुनौती राज्य में मुनुगोडे विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव है, जहां कांग्रेस विधायक के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के कारण चुनाव कराया जा रहा है। अगले वर्ष विधानसभा के आम चुनाव से पहले यह उनके लिए लिटमस टेस्ट साबित होने जा रहा है।

प्राथमिकता में देश के साथ प्रदेश भी

भाजपा की चुनौती से तेलंगाना को बचाने के लिए केसीआर ने हाल ही में एसटी समुदाय के आरक्षण को छह से बढाकर दस प्रतिशत कर दिया। इसका प्रभाव अन्य राज्यों के एसटी समुदाय पर पड़ा है। दलित बंधु योजना के तहत रोजगार के लिए प्रत्येक विधानसभा में पांच सौ दलित युवाओं को दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसे वापस भी नहीं करना है। किसानों को खेती के लिए प्रति एकड़ दस हजार रुपये पहले से ही दिए जा रहे हैं।

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