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Arvind Kejriwal: 'अगर जमानत दे दी तो…' CBI की ये दलील सुनते ही SC ने फैसला रख लिया सुरक्षित

Arvind Kejriwal दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में सीबीआई की इस दलील का पुरजोर विरोध किया कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए उन्हें पहले निचली अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस समय मामले को वापस निचली अदालत में भेजना उचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 05 Sep 2024 09:42 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत का फैसला सुरक्षित रख लिया। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने बहस पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। गुरुवार को जमानत को लेकर केजरीवाल और सीबीआई की ओर से जोरदार बहस की गई।

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए रिहाई और जमानत देने की मांग की जबकि सीबीआई की ओर गिरफ्तारी को जायज ठहराते हुए कहा गया कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया और सीबाआइ को जांच और गिरफ्तारी का अधिकार है।

जमानत पर फैसला सुरक्षित

सीबीआई की ओर से बहस करते हुए एडीशनल सालिसिटर एसवी राजू ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति उठाते हुए कहा कि उन्हें जमानत के लिए पहले सत्र अदालत जाना चाहिए था वह सीधे हाई कोर्ट गए जो कि ठीक नहीं हैं। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और उज्जवल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल की याचिकाओं पर सारा दिन लंबी बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

पीठ ने दोनों पक्षों को शनिवार तक संक्षिप्त लिखित दलीलें दाखिल करने का वक्त दिया है। केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी और जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। केजरीवाल ने दोनों ही आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

तो मिल जाती जमानत

केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है अगर सीबीआई के केस में जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। सीबीआई ने केजरीवाल को गत 26 जून को गिरफ्तार किया था उस वक्त केजरीवाल ईडी के केस में जेल में थे।

  • गुरुवार को केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 41 ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना सीधे गिरफ्तार करना गैरकानूनी है उन्हें रिहाई दी जानी चाहिए।
  • सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है। केजरीवाल संवैधानिक पद पर हैं जमानत मिलने के बाद उनके भागने की संभावना नहीं है।
  • जबकि सीबीआई ने गिरफ्तारी को जायज ठहराते हुए कहा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं दे रहे थे एजेंसी को गुमराह कर रहे थे इसलिए इन्हें गिरफ्तार किया गया। कोर्ट से इजाजत ली गई थी।
  • सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है जो याचिका के साथ नहीं लगाया है। आरोपपत्र से पता चलता है कि प्रथम दृष्टि में मामला बनता है कि नहीं। आरोपपत्र के बगैर ये नियमित जमानत नहीं मांग सकते। हालांकि इस दलील का केजरीवाल की ओर से विरोध किया गया।
सीबीआई ने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी तो हाई कोर्ट हतोत्साहित होगा क्योंकि हाई कोर्ट ने मेरिट पर नहीं सना था, जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था।

सात दिनों में हाई कोर्ट का आदेश

पीठ ने इस दलील पर आपत्ति जताई। पीठ ने हाई कोर्ट के देरी से आदेश देने पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब मामला निचली अदालत को भेजना था तो यह आदेश हाई कोर्ट को जल्दी देना चाहिए था। सात दिनों में हाई कोर्ट ने आदेश दिया। एएसजी ने कहा कि हाई कोर्ट के पास बहुत बोझ है और केजरीवाल ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका भी दाखिल की थी जिसपर हाई कोर्ट ने सुनवाई की।