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Kerala Politics: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले- ड्रग्स की राजधानी के रूप में पंजाब का स्थान ले रहा केरल

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि देश में हर जगह शराब के सेवन के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है लेकिन केरल में इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sat, 22 Oct 2022 10:03 PM (IST)
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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को केरल सरकार पर जमकर हमला बोला...
कोच्चि, पीटीआइ। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि केरल ड्रग्स की राजधानी के रूप में पंजाब का स्थान ले रहा है। मुझे यह कहते हुए शर्म आती है कि यहां राजस्व के दो ही स्त्रोत हैं, पहला लाटरी और दूसरा शराब। सत्तारूढ़ वाम सरकार के साथ कई मुद्दों पर अनबन के बीच खान ने कहा कि हर जगह शराब के सेवन के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। जबकि, केरल में इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

विकास के लिए लाटरी और शराब ही काफी

राज्यपाल ने कहा कि हमने तय कर लिया है कि हमारे विकास के लिए लाटरी और शराब ही काफी है। शत-प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए यह कितनी शर्मनाक स्थिति है। लाटरी क्या है। क्या आप में से किसी ने कभी इसका टिकट खरीदा है। बहुत गरीब लोग ही लाटरी टिकट खरीदते हैं। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप उन्हें लूट रहे हैं। आप अपने लोगों को शराब का आदी बना रहे हैं। वह एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।

कुलपतियों की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया

इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल की जिम्मेदारी है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है और यदि सरकार कोई कानून पारित करती है तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के प्रविधानों के अनुसार होना चाहिए।

केरल में विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति रद

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने केरल के एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को कानून और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विरुद्ध बताते हुए रद कर दिया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि यूजीसी नियमों के मुताबिक राज्य द्वारा गठित खोज समिति को कुलाधिपति को इंजीनियरिंग साइंस के कम से कम तीन उचित व्यक्तियों के नामों का पैनल प्रस्तावित करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय उसने सिर्फ डा. राजश्री एमएस का नाम प्रस्तावित किया।

हाई कोर्ट के फैसले भी रद

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट की एकल और खंडपीठ के फैसलों को भी रद कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब एक ही नाम की सिफारिश की गई और नामों के पैनल की सिफारिश नहीं की गई तो कुलाधिपति के पास अन्य नामों पर विचार करने का विकल्प ही नहीं था।

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