'भाजपा का आरक्षण खत्म करने का इरादा, संसद में निरस्त करना चाहिए था क्रीमी लेयर का फैसला', खरगे ने केंद्र पर साधा निशाना
SC-ST Reservation कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एससी-एसटी में क्रीमी लेयर के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर इसके खिलाफ है तो उसे संसद में फैसला निरस्त करना चाहिए था। खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा का इरादा आरक्षण खत्म करने का है। साथ ही कहा कि किसी को क्रीमी लेयर के फैसले को मान्यता नहीं देना चाहिए।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के प्रति विरोध जताते हुए शनिवार को कहा कि सरकार को यह निर्णय आते ही इसे संसद के माध्यम से निरस्त करना चाहिए था।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरक्षण खत्म करने के प्रयास का आरोप लगाया और यह भी कहा कि किसी को क्रीमी लेयर के फैसले को मान्यता नहीं देना चाहिए, तथा जब तक छुआछूत है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए।
पूना पैक्ट के माध्यम से दलितों को मिला था आरक्षण: खरगे
खरगे ने संवाददाताओं से कहा, 'पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय के सात न्यायाधीशों ने एक फैसला दिया है, जिसमें उन्होंने एसी-एसटी वर्ग के लोगों के उप-वर्गीकरण के साथ ही क्रीमी लेयर की भी बात की है। भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण, बाबासाहेब के पूना पैक्ट के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी और महात्मा गांधी जी द्वारा आरक्षण नीति को जारी रखा गया। 'उन्होंने कहा कि राजनीतिक आरक्षण के साथ ही शिक्षा और रोजगार में भी आरक्षण एक जरूरी मुद्दा था, लेकिन अब एससी-एसटी के लोगों को क्रीमी लेयर का कहकर आरक्षण से बाहर निकालना, उनके ऊपर एक बड़ा प्रहार है। खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा का इरादा आरक्षण खत्म करने का है।
सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म करने का लगाया आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'आज सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। एक तरफ देश में लाखों सरकारी नौकरियां हैं, जिनमें भर्तियां नहीं की जा रही हैं, दूसरी तरफ आप क्रीमी लेयर लाकर दलित समाज को कुचल रहे हैं। मैं इसका विरोध करता हूं।'कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार एसटी-एसटी का ये जो मुद्दा उठा है, उसमें दलितों-वंचितों के बारे में नहीं सोचा गया। उन्होंने कहा, 'जब तक इस देश में छुआछूत है, तब तक आरक्षण रहना चाहिए और रहेगा। उसके लिए हम लड़ते रहेंगे। मेरी अपील है कि सभी मिलकर इस क्रीमी लेयर के फैसले को मान्यता न दें। कर्नाटक में आज भी ऐसे कुछ गांव हैं, जहां लोगों को अंदर आने नहीं दिया जाता। जब तक देश में ऐसी चीजें चल रही हैं, आप आरक्षण खत्म नहीं कर सकते।'