कुछ बिंदुओं में जानें जयललिता का सिनेमा से राजनीति तक का पूरा सफर
जयललिता उन राजनेताओं में से थी जिनका जीवन संघर्ष से भरा रहा। शुरुआत में सिनेमा से अपना करियर बनाने वाली जयललिता ने राजनीति में भी अपनी सफलता के झंडे गाड़े थे।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:31 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। सिनेमा के रुपहले पर्दे से निकलकर तमिलनाडु की राजनीति पर छा जाने वाली जयललिता ने राज्य की राजनीति जो दिशा दी उसको कोई नहीं बदल सका। मजेदार बात ये है कि तमिलनाडु में जिन दो दिग्गजों के बीच मुकाबला हर बार होता रहा उन दोनों का ही सफर सिनेमा से शुरू हुआ था। करुणानिधि और जयललिता के बीच जो मुकाबला वर्षों पहले शुरू हुआ वह इन दोनों की मौत के बाद ही खत्म हो सका। राज्य में अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता ने जब अंतिम सांस ली तो पूरा राज्य गमगीन हो गया था। 5 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि है। 24 फरवरी 1948 को मैसूर में जन्मी जयललिता ने अपने जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
आईए कुछ बिंदुओं में जानते हैं इस नेता के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें:-
- एमजी रामचंद्रन जयललिता के राजनीतिक गुरु ही नहीं थे, बल्कि रंगमंच पर उन्हें स्टार बनाने वाले भी एमजी ही थे।
- जयललिता का पार्थिव शरीर जिस राजाजी हाल में रखा गया वहीं पर कभी 29 वर्ष पहले उनके राजनीतिक गुरु एमजी रामचंद्रन का भी पार्थिव शरीर रखा गया था।
- इसको इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि एमजी की हालत खराब होने के बाद जिस अपोलाे अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, उसी अस्पताल में करीब 75 दिन जयललिता को भी भर्ती किया गया।
- जयललिता के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी डीएमके के नेता एम करुणानिधी का संबंध भी एमजीआर के साथ रंगमंच से रहा है।
- इसके बाद में दोनों ने ही रंगमंच से अलग होकर अपने को राजनीति से जोड़ लिया। पहले एमजीआर भी डीएमके का ही हिस्सा थे, लेकिन 1972 में विवाद के बाद एमजीआर ने एआईएडीएमके पार्टी बनाई। बाद में इस पार्टी की कमान जयललिता ने संभाली।
- एमजीआर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 30 जुलाई 1977 को विराजमान हुए, जो तीन कार्यकाल, अपनी मृत्यु तक वर्ष 1987 तक मुख्यमंत्री रहे।
- जयललिता 1991 से 1996, 2001 में, 2002-2006 तक और 2011 से 2014 से तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं।
- उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड़ और एक हिंदी तथा एक अंग्रेजी फिल्म में भी काम किया था।
- स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने 'एपिसल' नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। वे 15 वर्ष की आयु में कन्नड फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं।
- जयललिता दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने फिल्मों में स्कर्ट के चलन को शुरू किया। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ कीं।
- फिल्मी करियर के बाद उन्होंने एमजी रामचंद्रन के साथ 1982 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1984 से 1989 के दौरान तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया।
- साल 1987 में रामचंद्रन के निधन के बाद उन्होने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वे 24 जून 1991 से 12 मई 1996 तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं।
- अप्रैल 2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। राजनीति में उनके समर्थक उन्हें अम्मा और कभी कभी पुरातची तलाईवी जिसका मतलब 'क्रांतिकारी नेता' होता है कहकर पुकारते थे।
- राजनीति की 'अम्मा' अपने जमाने के मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी की जबर्दस्त फैन हुआ करती थीं। नवाब पटौदी की शर्मीला टैगोर से सगाई की खबर से उनका दिल टूट गया था।
- जयललिता ने एक इंटरव्यू के दौरान ये भी कही था कि उन्हें भारत के पूर्व कप्तान नारी कॉन्ट्रेक्टर भी बहुत पसंद थे।
- 1968 में उन्होंने हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार धर्मेंद्र के साथ फिल्म 'इज्जत में काम किया था।
- दिसंबर, 2016 में अम्मा नाम से प्रसिद्ध तमिलनाडु की इस कद्दावर नेता को मरीना बीच में दफनाया गया। उनका समाधि स्थल जयललिता मेमोरियल उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर के समाधि स्थल के पास है।