क्या प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल ने पहले कुंभ में स्नान किया था, जानें- वायरल फोटो का सच
सोशल मीडिया पर फर्जी फोटो वायरल करने का चलन तेजी से बढ़ रहा। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि कैसे किसी फोटो की वास्तवकिता पता करें। ये है सबसे आसान तरीका...
By Amit SinghEdited By: Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:20 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इन दिनों प्रयागराज में कुंभ मेले की तस्वीरें छायी हुई हैं। साथ ही छायी हुई हैं इससे जुड़ी यादें, रोचक कहानियां और कुंभ का इतिहास। इतिहास के इसी झरोखे में इन दिनों देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी एक फोटो वायरल हो रही है। इसके बाद से फोटो की सच्चाई को लेकर अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं। आइये हम आपको बताते हैं इस फोटो की सच्चाई क्या है? साथ ही हम आपको ये भी बताते हैं कि इंटरनेट के जरिए किसी भी फोटो की वास्तविकता कैसे चेक की जा सकती है?
जवाहर लाल नेहरू के कुंभ स्नान का दावा करने वाली ये फोटो वरिष्ठ पत्रकार और बॉलिवुड के फिल्म निर्देशक विनोद कापरी द्वारा 17 जनवरी को ट्वीट की गई है। हैशटैग कुंभ मेला 2019 (#KumbhMela2019) के साथ ट्वीट की गई इस फोटो में किया गया दावा इस प्रकार है, ‘ताकि सनद रहे : पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी कुंभ मं स्नान कर चुके हैं और जनेऊ भी धारण किए हुए हैं’। विनोद कापरी के 17 जनवरी के इस ट्वीट को सोमवार (21 जनवरी 2019) शाम तक 1123 लोग रीट्वीट कर चुके हैं और 4007 लोग इस फोटो को लाइक कर चुके हैं।
इसके अलावा विनोद कापरी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू का एक वीडियो भी ट्वीट किया है। इसमें दावा किया गया है कि वीडियो 1954 के कुंभ का है। जब नेहरू स्वतंत्रता के बाद 1954 में आयोजित हो रहे पहले कुंभ मेले में शामिल होने गए थे। इस वीडियो को भी 285 लोग सोमवार शाम तक रीट्वीट कर चुके थे, जबकि 844 लोग इसे लाइक कर चुके हैं।
फोटो को लेकर ऐसे शुरू हुआ विवाद
विनोद कापरी के इस फोटो वीडियो पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। लोग विनोद कापरी के इस ट्वीट को झूठा बता रहे हैं। कुछ लोगों ने यहां तक कमेंट किया है कि ‘विनोद कापरी जी झूठ न फैलाएं’ (Don’t spread lies, Vinod Kapri)। लोगों ने फोटो को झूठी बताते हुए कहा है कि नेहरू का ये फोटो कुंभ मेले में स्नान करने का नहीं है। कुछ लोगों ने विनोद कापरी के इस ट्वीट को लेकर आपत्तिजनक कमेंट भी किए हैं।एक व्यक्ति ने इस फोटो पर कमेंट किया है कि ये फोटो तब की है, जब नेहरू अपने पिता जी की अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद (प्रयागराज) गए थे। इसके जवाब में विनोद कापरी ने कमेंट किया है ‘नेहरू के पिता मोतीलाल की मौत 1931 में हुई थी। उस वक्त नेहरू केवल 42 साल के थे। क्या फोटो में आपको नेहरू की आयु 42 वर्ष लग रही है। ये फोटो 1952 के कुंभ की ही, जब नेहरू की आयु 65 वर्ष थी’। इसी फोटो पर एक अन्य व्यक्ति ने ट्वीट किया है कि ये फोटो उस वक्त की है जब जवाहर लाल नेहरू अपनी माता जी की अस्थियां इलाहाबाद में विसर्जित करने गए थे। ये फोटो इलाहाबाद (प्रयागराज) स्थित आनंद भवन में भी लगी हुई है। इस यूजर का भी दावा है कि ये फोटो कुंभ की नहीं है।ये है फोटो की हकीकत
विनोद कापरी ने जो फोटो ट्वीट की है, वह वास्तव में 1938 में खींची गई थी, न कि 1954 कुंभ के दौरान। 1938 में जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद (प्रयागराज) गए थे। उस वक्त वह अपनी मां की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने गए थे। ये फोटो 1954 के कुंभ की नहीं है। ऐसे चेक करें फोटो की वास्तविकता
आजकल सोशल मीडिया पर फर्जी फोटो काफी तेजी से प्रसारित की जाती है। इसका उद्देश्य कभी आपको असली मुद्दे से भटकाना, तो कभी आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना तो कभी राजनीतिक इस्तेमाल करना होता है। ऐसे में आपके लिए भी ये जानना जरूरी है कि इंटरनेट के माध्यम से किसी फोटो की वास्तविकता कैसे चेक की जाए।किसी फोटो की वास्तविकता पता करने के लिए आप उस फोटो को गूगल के रिवर्स इमेज फीचर का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप गूगल इमेज में जाकर, संबंधित फोटो का यूआरएल डालकर सर्च कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहां संबंधित फोटो अपलोड करके भी उसके बारे में सर्च कर सकते हैं। इस सर्च के साथ फोटो से संबंधित काफी सूचना मिलेगी। यहां से आप फोटो की असलियत तक पहुंच सकते हैं। इससे किसी भी फोटो की वास्तविकता चेक कर सकते हैं। यह भी पढ़ें-
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विनोद कापरी के इस फोटो वीडियो पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। लोग विनोद कापरी के इस ट्वीट को झूठा बता रहे हैं। कुछ लोगों ने यहां तक कमेंट किया है कि ‘विनोद कापरी जी झूठ न फैलाएं’ (Don’t spread lies, Vinod Kapri)। लोगों ने फोटो को झूठी बताते हुए कहा है कि नेहरू का ये फोटो कुंभ मेले में स्नान करने का नहीं है। कुछ लोगों ने विनोद कापरी के इस ट्वीट को लेकर आपत्तिजनक कमेंट भी किए हैं।एक व्यक्ति ने इस फोटो पर कमेंट किया है कि ये फोटो तब की है, जब नेहरू अपने पिता जी की अस्थियां विसर्जित करने इलाहाबाद (प्रयागराज) गए थे। इसके जवाब में विनोद कापरी ने कमेंट किया है ‘नेहरू के पिता मोतीलाल की मौत 1931 में हुई थी। उस वक्त नेहरू केवल 42 साल के थे। क्या फोटो में आपको नेहरू की आयु 42 वर्ष लग रही है। ये फोटो 1952 के कुंभ की ही, जब नेहरू की आयु 65 वर्ष थी’। इसी फोटो पर एक अन्य व्यक्ति ने ट्वीट किया है कि ये फोटो उस वक्त की है जब जवाहर लाल नेहरू अपनी माता जी की अस्थियां इलाहाबाद में विसर्जित करने गए थे। ये फोटो इलाहाबाद (प्रयागराज) स्थित आनंद भवन में भी लगी हुई है। इस यूजर का भी दावा है कि ये फोटो कुंभ की नहीं है।ये है फोटो की हकीकत
विनोद कापरी ने जो फोटो ट्वीट की है, वह वास्तव में 1938 में खींची गई थी, न कि 1954 कुंभ के दौरान। 1938 में जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद (प्रयागराज) गए थे। उस वक्त वह अपनी मां की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने गए थे। ये फोटो 1954 के कुंभ की नहीं है। ऐसे चेक करें फोटो की वास्तविकता
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