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Hindi Diwas 2022 Celebration: कर्नाटक में हिंदी दिवस को लेकर कुमारस्वामी ने सीएम को लिखा पत्र, लगाया गंभीर आरोप

Hindi Diwas 2022 Celebration कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने अपने पत्र में कहा कि कर्नाटक में 14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम को जबरदस्ती मनाना राज्य सरकार द्वारा कन्नड़ के साथ अन्याय होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 11:16 AM (IST)
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कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी (फाइल फोटो)

बेंगलुरु, एजेंसी। Hindi Diwas 2022: कर्नाटक में हिंदी का विरोध अभी शांत होता नहीं दिख रहा है। कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा है कि प्रदेश में हिंदी दिवस न मनाया जाए। एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अगर कर्नाटक में 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है तो यह कन्नड़ लोगों के लिए अपमानजनक होगा। आगे पत्र में लिखा कि सीएम बोम्मई टैक्सपेयर्स के पैसे का इस्तेमाल करके हिंदी दिवस न मनाएं। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को होने वाला हिंदी दिवस जबरदस्ती मनाना कर्नाटक के लोगों के साथ अन्याय होगा।

करदाताओं के पैसे से हिंदी दिवस न मनाएं

सरकार को लिए एचडी कुमारस्वामी ने अपने पत्र में कहा कि कर्नाटक में 14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम को जबरदस्ती मनाना, राज्य सरकार द्वारा कन्नड़ के साथ अन्याय होगा। मैं आग्रह करता हूं कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे कर्नाटक सरकार को करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल करके हिंदी दिवस मनाया जाए।

कुमारस्वामी ने हिंदी दिवस पर उठाए थे सवाल

दक्षिण में हिंदी दिवस पर विरोध अब भी जारी है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने हिंदी दिवस पर सवाल उठाते हुए एक बार कहा था कि गैर हिंदी भाषियों के लिए इसमें क्या है। उन्होंने हिंदी दिवस को अन्य भाषा बोलने वाले लोगों पर हिंदी थोपने का ‘चालाकी भरा कदम’ बताया था।

हिंदी दिवस के स्थान पर भाषा दिवस मनाएं

कुमारस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार हिंदी दिवस को 'भाषा दिवस' के रूप में मनाने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे सभी लोग देश में सभी भाषाओं के लिए दिवस मना सकेंगे। हम निश्चित रूप से केंद्र का समर्थन करेंगे अगर यह हिंदी दिवस के बजाय भाषा दिवस मनाने का फैसला करता है। कुमारस्वामी ने कहा कि अगर राज्य में या केंद्र में भाजपा सोचती है कि त्रि-भाषी फॉर्मूले को लाकर कर्नाटक में हिंदी को आसानी से लागू किया जा सकता है, तो इसका जबरदस्त विरोध किया जाएगा।