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विपक्षी दलों में दिख रही तालमेल की कमी, खरगे की बैठक से TMC-BRS और सपा ने बनाई दूरी; कहीं यह वजह तो नहीं

विपक्षी खेमे के कई दलों के बीच आपसी तालमेल की कमी दिखाई दे रही है। इसका ताजा उदाहरण सोमवार को देखने को मिला जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से बुलाई गई विपक्षी रणनीति की बैठक से तृणमूल कांग्रेस बीआरएस और सपा के नेता गायब रहे।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 13 Mar 2023 09:08 PM (IST)
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खरगे की बैठक से टीएमसी, सपा और बीआरएस ने बनाई दूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के साथ असहज रिश्तों के चलते विपक्षी बैठक से दूरी बनाने का तृणमूल कांग्रेस का रूख तो अब जगजाहिर है, मगर बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन समाजवादी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति जैसे दलों ने भी विपक्ष की बैठक में शामिल न होकर विपक्षी खेमे में सब कुछ दुरूस्त नहीं होने के फिर पुख्ता संकेत दिए। वहीं, आम आदमी पार्टी का संसद में विपक्ष की साझा रणनीति की बैठक में शामिल होना भी इस बात के संकेत हैं कि तमाम क्षेत्रीय दलों के बीच भी आपसी तालमेल का अभाव है।

टीएमसी, सपा और बीआरएस के नेता बैठक से रहे गायब 

अदाणी मुद्दे पर बजट सत्र के पहले चरण में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर विपक्ष की लगभग तमाम पार्टियां कांग्रेस की अगुवाई में सरकार को घेरने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने पर एकजुट रही थीं, लेकिन सोमवार को सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई विपक्षी दलों की बैठक में बेशक 16 पार्टियां शामिल हुईं, मगर टीएमसी, सपा और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का कोई नेता इसमें शामिल नहीं हुआ।

खरगे की बैठकों में नहीं शामिल हो रही टीएमसी

सत्र के पहले हिस्से में कुछ दिनों तक टीएमसी विपक्ष की बैठक में शामिल हुई थी, मगर अदाणी मुद्दे पर जेपीसी की कांग्रेस और अन्य दलों की मांग से दूरी बनाकर तृणमूल कांग्रेस ने खरगे की बैठकों में जाना छोड़ दिया था, जबकि सपा और बीआरएस के नेता लगभग हर विपक्षी बैठक का हिस्सा रहते थे।

सपा की बैठक से दूरी विपक्ष के लिए बना चिंता का विषय

बीआरएस नेता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता की ईडी द्वारा दिल्ली शराब नीति विवाद में की गई पूछताछ के प्रकरण में कांग्रेस ने जिस तरह न केवल दूरी बनाई, बल्कि कविता पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया, उसे देखते हुए बीआरएस की खरगे की बैठक से अनुपस्थिति समझी जा सकती है, लेकिन जेपीसी मांग पर मुखर रही सपा की बैठक से दूरी जरूर विपक्षी खेमे की चिंता में इजाफा करेगा।

क्षेत्रीय दलों के बीच तालमेल की कमी

विपक्षी खेमे की राजनीति करने वाले इन क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस के असहज रिश्ते नई बात नहीं है, मगर दिलचस्प यह है कि अब इन क्षेत्रीय दलों के बीच आपसी तालमेल की कमी नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीआरएस के बीच तमाम मुद्दों पर पिछले कुछ अर्से के दौरान निकटता रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का मुद्दा प्रमुखता से उठाने को लेकर 'आप' आक्रामक है और खरगे की बैठक में भी उसने अदाणी के साथ इस मसले पर अपने तेवर दिखाए, लेकिन बीआरएस और टीएमसी यहां 'आप' के तेवरों में सुर मिलाने के लिए मौजूद नहीं थे।