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'संविधान को नष्ट कर रहा भाजपा का रामराज्य' लेटरल एंट्री के खिलाफ राहुल गांधी ने खोला मोर्चा

लेटरल एंट्री के मुद्दे पर देश में सियासी बयानबाजी खूब हो रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि इससे लोक सेवकों की भर्ती में आरक्षण खत्म हो जाएगा। वहीं कांग्रेस सांसद ने सोमवार को कहा कि सरकार का ये फैसला दलित और आदिवासी विरोधी भी है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 19 Aug 2024 01:26 PM (IST)
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लेटरल एंट्री को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Lateral Entry। केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले को लेकर खूब सियासी बयानबाजी चल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सरकार के इस फैसले को ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण के खिलाफ बताया। वहीं, सोमवार को एक बार फिर राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर सरकार की आलोचना की है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा," लैटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है।"

युवाओं की हक मार रही सरकार: राहुल गांधी

इससे पहले राहुल गांधी ने पोस्ट में लिखा था," नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।'

सपा-बसपा ने क्या कहा?

लेटर एंट्री मामले पर सपा और बसपा प्रमुख ने भी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर कहा है कि इन पदों को निचले पदों पर तैनात कर्मचारियों को पदोन्नति देकर भरा जाना चाहिए। एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग के लिए कोटा व्यवस्था लागू करके इन पदों को भरा जाए। अगर केंद्र सरकार इसे लागू नहीं करती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा।

इस मामले में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा पिछले दरवाजे से अपनी विचारधारा के लोगों को यूपीएससी के उच्च पदों पर बैठाने का षडयंत्र रच रही है। यह सारी चाल पीडीए से उसका आरक्षण व अधिकार छीनने की है।

उन्होंने युवाओं व अधिकारियों से अपील की है कि यदि सरकार इस मामले में अपना निर्णय नहीं बदलती है तो दो अक्टूबर से इसके विरुद्ध देशभर में सपा द्वारा शुरू किए जाने वाले आंदोलन में शामिल होकर इसका विरोध करें।

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