कानून मंत्री बोले, मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव नहीं, ईवीएम को लेकर नहीं उठाया जाना चाहिए कोई सवाल
सदन में शून्य काल में कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी के एक सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि ईवीएम को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए क्योंकि निर्माताओं द्वारा तैयार करने के बाद मशीनें चुनाव आयोग की अभिरक्षा में रहती हैं।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 08:07 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने कहा कि देश में मतदान को अनिवार्य करने के लिए कानून लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह जानकारी कानून मंत्री किरण रिजिजू ने दी। शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कानून मंत्री ने कहा कि सरकारी लाभ लेने के लिए मतदान प्रमाणपत्र को अनिवार्य करने जैसी कोई योजना नहीं है। उनका यह जवाब अधिक से अधिक लोगों के मतदान करने के संदर्भ में आया। कानून मंत्री से पूछा गया था कि क्या राज्य सरकारों अथवा अन्य संगठनों से इस तरह का कोई सुझाव मिला है, तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ईवीएम सोर्स कोड को लेकर पूछा सवालसदन में शून्य काल में कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी के एक सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए, क्योंकि निर्माताओं द्वारा तैयार करने के बाद मशीनें चुनाव आयोग की अभिरक्षा में रहती हैं। तिवारी ने ईवीएम सोर्स कोड को लेकर सवाल पूछा था कि वे चुनाव आयोग के पास होते हैं या मशीनों को बनाने वाली कंपनियों के पास होते हैं। शून्य काल में ही जदयू सदस्य राजीव रंजन सिंह ने कानून मंत्री से संवेदनशील सवालों के संवेदनशील जवाब देने को कहा। उन्होंने यह बात बंदियों के मताधिकार पर कानून मंत्री के जवाब को लेकर कही।
जदयू सदस्य के प्रश्न के जवाब में रिजिजू ने कहा कि सरकार की नजर में सभी नागरिक समान हैं और एक कानून मंत्री के नाते वह यह नहीं कह सकते कि विचाराधीन कैदियों को मत देने का अधिकार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जब मामला विचाराधीन हो तो उस पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जेल में रहकर भी लोग चुनाव लड़ते हैं और जीत भी जाते हैं। उन्होंने जदयू सदस्य से कहा, इस पर आप क्या कहेंगे।