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सीट शेयरिंग को लेकर I.N.D.I.A में 'महाभारत', पंजाब से लेकर यूपी-बिहार तक गठबंधन में क्यों मचा घमासान?

Lok Sabha Election 2024 विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए. में सीट बंटवारे में देरी के चलते घटक दलों का धैर्य जवाब देने लगा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी। बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने विलंब के लिए नाराजगी भी जताई है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 07 Jan 2024 10:26 AM (IST)
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सीट शेयरिंग को लेकर विपक्षी दल आईएनडीआईए में मंथन का दौर जारी है।(फोटो सोर्स: जागरण)

जेएनएन, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जहां एक तरफ भाजपा 'अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार' का नारा दे चुकी है। वहीं, विपक्षी गठबंधन आई.एन.डी.आई.ए.  (I.N.D.I.A.) के बीच सीट शेयरिंग को लेकर उलझन बनी हुई है।

बंगाल,बिहार समेत कई राज्यों में विपक्षी गुटों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर उथल पुथल मचा हुआ है। आइए जानते हैं कि किस राज्य में विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर क्या घमासान मचा हुआ है।

जवाब देने लगा है जदयू का धैर्य

सीट बंटवारे में देरी के चलते घटक दलों का धैर्य जवाब देने लगा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी। बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने विलंब के लिए नाराजगी भी जताई है।

कांग्रेस अध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहने पर कि सीट बंटवारे पर 15-20 दिनों में बात होगी, जदयू के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को कमजोर कर रही है।

उत्तर प्रदेश में उलझन

उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच बसपा का पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मायावती से गठबंधन में शामिल होने के लिए गंभीरता से विचार करने का आग्रह कर रहे हैं और सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा को जगह देने के लिए बिल्कुल राजी नहीं हैं।

इसी क्रम में मायावती ने अपने विकल्प खुले रखने का बयान देकर कांग्रेस की उलझन के साथ सपा का संदेह भी बढ़ा दिया है। बयानबाजी के बीच विवाद सुलझाने के लिए अभी तक पहल नहीं की जा रही है।

दिल्ली में जिद्द, तालमेल की संभावना लगभग खत्म

पंजाब में कांग्रेस के साथ आप के तालमेल की संभावना लगभग खत्म हो गई है और दिल्ली में भी भारी जिच है। कांग्रेस 2019 के प्रदर्शन के आधार पर हिस्सेदारी चाहती है। तब पांच सीटों पर वह दूसरे नंबर पर थी। इस आधार पर दिल्ली में कांग्रेस को पांच और आप को दो सीटें मिलनी चाहिए, किंतु आप चार सीटों से कम पर तैयार नहीं है। बातचीत शुरू नहीं हो पाई।

पंजाब में भी भारी पचड़ा

पंजाब में कांग्रेस अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। पिछली बार 13 में उसे आठ सीटों पर जीत मिली थी, जबकि आप शून्य पर आउट हो गई थी। बाद में उप चुनाव में एक सीट जीतने से उसका खाता खुला था। कांग्रेस को पंजाब में 36 से 42 प्रतिशत वोट शेयर मिलता रहा है, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में 17.5 प्रतिशत पर आ गया।

सीएम ममता की दया नहीं चाहती कांग्रेस 

पश्चिम बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीक रंजन चौधरी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सीएम ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य की सीट का ईमानदारी से बंटवारा नहीं कर रही हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी ने कांग्रेस को दो सीटें देने की बात कही थी, जिससे कांग्रेस पार्टी नाराज है।

अधीर रंजन ने कांग्रेस को दो सीट दिए जाने पर टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा,"ममता बनर्जी कह रहीं हैं कि राज्य में कांग्रेस को दो सीटें देगी। यह वह दोनों सीटें हैं, जिसे कांग्रेस पहले ही जीत चुकी है। ममता बनर्जी ये सीटें देकर क्या हम पर एहसान कर रही है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने और इससे ज्यादा सीटें जीतने में सक्षम हैं। हम उन्हें (ममता बनर्जी) दिखा देंगे। हमें ममता की दया नहीं चाहिए।

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